अखिल भारतीय जाट महासभा की ओर से उत्तर प्रदेश के मेरठ में प्रांतीय सम्मेलन में जाटों ने आरक्षण के लिए एक बार फिर हुंकार भरी है। वक्ताओं ने कहा कि अब आरक्षण के लिए वे बलिदान से पीछे नहीं हटेंगे। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष और सम्मेलन के मुख्य वक्ता नरेश टिकैत ने जाटों को आरक्षण दिए जाने की वकालत करते हुए कहा कि इस कौम का हर क्षेत्र में सर्वाधिक योगदान रहा है और आरक्षण उनके समाज का हक है। उन्होंने कहा, “हमारा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है बल्कि जाट अपना अस्तित्व बचाने के लिए एकजुट हुए हैं, जाटों का इतिहास दबाया जा रहा है।

अखिल भारतीय जाट महासभा के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष प्रताप चौधरी ने कहा कि हर हाल में हम आरक्षण लेकर रहेंगे, इसके लिए चाहे हमे आंदोलन ही क्यों न करना पड़े। मेरठ के कंकरखेड़ा के शगुन फार्म हाउस में आयोजित इस प्रांतीय सम्मेलन में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के भी कई नेता शामिल हुए। रालोद के राष्ट्रीय सचिव राजकुमार सांगवान ने इस मौके पर कहा कि वर्ष 2014 में चौधरी अजित सिंह के अथक प्रयासों से केन्द्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जाटों को केन्द्र में आरक्षण दिया था, लेकिन उस साल हुए लोकसभा चुनाव के बाद केन्द्र में बनी भाजपा की सरकार की कमजोर पैरवी के कारण केन्द्र में जाट आरक्षण रद्द हो गया। जाट आरक्षण को वापस पाने के लिए जाट हर स्तर पर लड़ाई लड़ेंगे। इस मौके पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय जाट महासभा के प्रदेश जिला संयोजक सुधीर चौधरी और पंजाब, दिल्ली और हरियाणा समेत कई राज्य से आये जाट समाज के लोग शामिल रहे।

 

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