बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि पुलिस को मौतों के बारे में रविवार को पता चला, हालांकि पहली मौत चार दिन पहले हुई थी और सभी सातों के शवों का अंतिम संस्कार पहले ही किया जा चुका था।

जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) शौर्य सुमन ने बताया कि सभी मौतें लौरिया थाना क्षेत्र में हुई हैं। स्थानीय लोगों ने मौतों के लिए जहरीली शराब को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन एसपी ने कहा कि दो व्यक्तियों की मौतों के पीछे की वजह शराब नहीं थी।

सुमन ने बताया कि एक व्यक्ति को एक ट्रैक्टर ने टक्कर मार दी थी, जबकि दूसरे को लकवा मार गया था। सुमन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पहली मौत 15 जनवरी को हुई थी, हालांकि हमें घटना के बारे में आज ही पता चला। शेष पांच मौतों का कारण स्पष्ट नहीं है, क्योंकि पुलिस को सूचित किए जाने से पहले ही सभी सात शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया था। हमने मौतों के कारणों का पता लगाने के लिए एक जांच टीम का गठन किया है।’’

पश्चिम चंपारण के उप विकास आयुक्त (डीडीसी) सुमित कुमार ने कहा कि मौतों के कारणों का पता लगाना मुश्किल है क्योंकि सभी शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘जांच टीम को 24 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।’’

उन्होंने बताया कि टीम पिछले तीन-चार दिनों में लौरिया में मरने वालों की पहचान का पता लगाएगी। मृतकों में से एक के परिजन ने बताया, ‘‘मेरे भाई प्रदीप ने अपने दोस्त मनीष के साथ शराब पी थी। दोनों की मौत हो गई।’’ अप्रैल 2016 में नीतीश कुमार सरकार ने बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया था।

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