उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष की पैरवी करने वाले वकील जफर अली ने हुई वहां हिंसा में चार लोगों की मौत पर सोमवार को आईएएनएस से बातचीत की।

उन्होंने कहा कि संभल में जो घटना हुई है उसके लिए संभल एसडीएम और सीओ जिम्मेदार हैं। सर्वे की जानकारी चंद घंटे पहले दी गई थी। मुस्लिम पक्ष पर जो आरोप लगाया जा रहा है कि हमारी ओर से यह सुनियोजित थी। मैं कहना चाहता हूं कि हमारी ओर से कुछ भी नहीं था। संभल की हिंसा पुलिस प्रशासन की ओर से सुनियोजित थी।

जफर अली ने कहा कि चार लोगों की मौत के लिए एसडीएम और सीओ जिम्मेदार है। एसडीएम ने जबरदस्ती शाही जामा मस्जिद में वुजू करने की जगह को खाली कराया जिससे लोगों को लगा कि खुदाई हो रही है। इससे जनता उग्र हो गई।

उन्होंने कहा कि वह सर्वे के दौरान सर्वे करने वाली टीम के साथ थे। सर्वे में कुछ नहीं मिला।

उन्होंने कहा है कि संभल हिंसा में मुस्लिम पक्ष की ओर कोई फायरिंग नहीं हुई है। उन्होंने दावा किया कि पुलिस की ओर से गोलियां चलाई जा रही थी और “मैं इसका साक्षी हूं”।

उल्लेखनीय है कि 24 नवंबर की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। पुलिस का कहना है कि इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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