श्रेया तिवारी मौत प्रकरण की जांच मऊ के सीओ सिटी धनंजय मिश्रा कर रहे हैं। कोर्ट में जमानत आदेश के अनुसार सीओ ने जांच में यह पाया गया कि छात्रा श्रेया तिवारी के पास कीपैड वाला एक मोबाइल मिला जिसको लेकर प्रिंसिपल ने उन्हें फटकार लगाई थी। पुलिस विवेचना में यह भी सामने आया की छात्रा अपनी घर में आने जाने वाले बिजली मिस्त्री रितिक यादव से फोन पर बात करती थी और वहीं वह सुबह 4:00 बजे टहलते हुए अपने पिता के मोबाइल से सोनू प्रजापति नाम के लड़के से बात करती थी। जब छात्रा के परिजनों को यह बात पता चली कि छात्रा किसी लड़के से बात करती है तो उन्होंने उसे खूब डांटा फटकारा और उसका मोबाइल ले लिया था। बाद में जब स्कूल में रेगुलर चेकिंग के दौरान मोबाइल मिली तो प्रिंसिपल ने यह कहते हुए फटकार लगाई कि तुम्हारे मां बाप को बुलाकर इस बारे में सूचना दी जाएगी . यह सुनकर छात्रा काफी डर गई और उसने उसने अपने मम्मी पापा को बुलाने के लिए मना किया।
इसके बाद प्रिंसिपल ने उसे अपने ऑफिस के बाहर खड़ा कर दिया. इससे घबराई हुई छात्रा ने तीसरी मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली।
विद्यालय स्टाफ और छात्राओं से पूछताछ में यह स्पष्ट हुआ की छात्रा के साथ किसी प्रकार की मारपीट या अपमानजनक शब्दों का प्रयोग नहीं हुआ था. सीओ सिटी मऊ की इस विवेचना के आधार पर न्यायालय ने आरोपी प्रिंसिपल सोनम मिश्रा और कक्षा अध्यापक अभिषेक राय को जमानत देने का आदेश दिया।