छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने ओडिशा के विभिन्न विषयों पर विचार व्यक्त किए थे, जिस पर राज्य की सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने नाराजगी जताई है। बीजद ने कहा कि छत्तीसढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन को ओडिशा पर अवांछित बयानों से बचना चाहिए और अपने कार्यालय की पवित्रता और गरिमा बनाए रखनी चाहिए।
बीजद प्रवक्ता डॉ. सस्मित पात्रा और डॉ. प्रियब्रत माझी ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा
भारत की स्वतंत्रता के 76 वर्षों में राज्यपालों ने लोकतंत्र को मजबूत करने में अहम और निष्पक्ष भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा जब भी कोई उडिया को किसी राज्य के राज्यपाल का राज्यपाल नियुक्त किया तो हमे अपार खुशी हुई है चाहे वह असम के राज्यपाल के रूप में जानकी बल्लाव पटनायक हों, झारखंड के राज्यपाल के रूप में द्रौपदी मुर्मू हों या आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रूप में विश्वभूषण हरिचंदन हों और वर्तमान में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल हैं।
बीजद प्रवक्ता सस्मित पात्रा ने कहा ओडिशा राज्य में पहले कभी नहीं देखा गया है। ओडिशा ने जानकी बल्लाव पटनायक और द्रौपदी मुर्मू जैसे उड़िया लोगों को देखा है जो क्रमशः असम और झारखंड के राज्यपाल थे, लेकिन उन्होंने कभी एक भी ऐसा शब्द नहीं कहा जो उनके पद और कद के लिए अशोभनीय माना जाए। यही एक अच्छे राज्यपाल का सच्चा कद है, जो राज्यपाल के कार्यालय की पवित्रता और गरिमा को बनाए रखता है।
बीजद प्रवक्ता पात्रा ने कहा भारत के संविधान के अनुच्छेद 153 से 162 तक राज्यपालों के लिए विशिष्ठ शक्तियां और सेवा की शर्ते निर्धारित की गई हैं। संवैधानिक रूप से राज्यपालों से तटस्थ और निष्पक्ष रहने की अपेक्षा की गई है। उनसे ये अपेक्षा की जाती है कि वे गैर-राजनीतिक होंगे और इसलिए राज्यपाल का पद संभालने से पहले उन्हें किसी राजनीतिक पद या राजनीतिक दल से इस्तीफा देना पड़ता है
इसके साथ बीजद प्रवक्ता राज्य के राज्यपाल से ये अपेक्षा की जाती है कि वे ऐसा कोई बयान या टिप्पणी ना करके राज्यपाल कार्यालय की गरिमा और प्रतिष्ठा बननाए रखें, जिससे राज्यपाल की गरिमा और सम्मान कम ना हो।
प्रवक्ता ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “हम समझते हैं कि वह अपने बेटे के लिए राजनीतिक रूप से प्रासंगिक पद खोजने के लिए बेताब हैं, जिसने अपने जीवन में एक भी चुनाव नहीं जीता है और नगरपालिका चुनाव में पार्षद का वार्ड सदस्य का चुनाव भी हार गया है।”
इसके साथ ही बीजद प्रवक्ता ने उम्मीद जताई कि राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ऐसे बयान देने से बचेंगे जिनकी उनसे और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के रूप में उनके कार्यालय से अपेक्षा नहीं की जाती है।