सीबीआइ ने हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ कथित तौर से रिश्वत देने के एक मामले में FIR दर्ज की है। गौरतलब है कि कंपनी ने 966 करोड़ रुपए के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे और वह बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार है। CBI के अधिकारियों ने बताया कि जगदलपुर एकीकृत इस्पात संयंत्र से संबंधित कार्यों के लिए मेघा इंजीनियरिंग के 174 करोड़ रुपए के बिलों को मंजूरी देने में लगभग 78 लाख रुपए की रिश्वत दी। FIR में एनआइएसपी और एनएमडीसी के आठ अधिकारियों और मेकॉन के दो अधिकारियों को भी रिश्वत लेने के लिए शमिल किया गया है।
मेघा इंजीनियरिंग चुनावी बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार थी। उसने भाजपा को 586 करोड़ रुपए की सबसे अधिक राशि दान की थी। इसके साथ ही BRS को 195 करोड़, DMK को 85 करोड, वाईएसआरसीपी को 37 करोड़, TDP को 25 करोड़ और कांग्रेस को 17 करोड़ रुपए दिए थे।
CBI ने प्राथमिकी में जिन अधिकारियों के नाम को दर्ज किया है, उनमें NISP और एनएमडीसी के 8 अधिकारी व मेकॉन के 2 अधिकारी शामिल हैं। आरोप है कि मेघा इंजीनियरिंग के 174 करोड़ रुपये के बिल को क्लियर करने के लिए संबंधित अधिकारियों को घूस में करीब 78 लाख रुपये दिए गए। CBI की प्राथमिकी में कहा गया है कि ये बिल जगदलपुर इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट से जुड़े काम के थे।