उत्तर प्रदेश की औद्योगिक व आर्थिक उन्नति के साथ ही उन्नत नागरिक सुविधाओं युक्त प्रदेश बनाने की दिशा में प्रयास कर रही योगी सरकार ने ग्रेटर नोएडा के विकास पर विशेष तौर पर बल दे रही है। ग्रेटर नोएडा क्षेत्र फिलहाल देश समेत दुनिया के सबसे उत्तम निवेश गंतव्य के तौर पर उभर कर आ रहा है और जेवर एयरपोर्ट समेत यहां तमाम अवसंरचनाओं का तेजी से हो रहा विकास इसका मुख्य कारण है। विकास की इसी गति को नागरिक सुविधाओं से जोड़ते हुए योगी सरकार ने ग्रेटर नोएडा में कमर्शियल प्लॉट आवंटन स्कीम के जरिए आर्थिक व व्यापारिक गतिविधियों के संचालन का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।
सीएम योगी की मंशा अनुरूप, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण इस स्कीम के जरिए प्लॉट आवंटन के आवेदन मांगे हैं जिसे ई-ऑक्शन प्रक्रिया के जरिए पूर्ण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कमर्शियल प्लॉट स्कीम के तहत 2313.47 से लेकर 12000 स्क्वेयर मीटर तक के प्लॉट्स के आवंटन का मार्ग प्रशस्त होगा जिससे इस क्षेत्र में विकास व नागरिक सुविधाओं के स्तर में वृद्धि होगी। उल्लेखनीय है कि इस प्लॉट आवंटन स्कीम में रजिस्टर करने के लिए अंतिम तिथि 8 दिसंबर निर्धारित की गई है तथा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के ई-टेंडरिंग पोर्टल के जरिए प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी।
कमर्शियल प्लॉट आवंटन स्कीम (एफएआर-4.0) के जरिए ग्रेटर नोएडा स्थित 22 प्लॉट्स के आवंटन के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इनमें सेक्टर डेल्टा-2 के 2313.47 स्क्वेयर मीटर के 5 प्लॉट्स, सेक्टर अल्फा-2 के लिए 2580 स्क्वेयर मीटर के 5 प्लॉट्स, सेक्टर अल्फा-2 में ही 11500 स्क्वेयर मीटर का प्लॉट, सेक्टर इकोटेक-12 में 12000 स्क्वेयर मीटर, टेक्नोजोन-8 में 10000 स्क्वेयर मीटर, सेक्टर 12 में 10400 स्क्वेयर मीटर के 6 प्लॉट्स, सेक्टर 10 में 10600 मीटर स्क्वेयर के 3 प्लॉट्स तथा सेक्टर 10 में 9250 स्क्वेयर मीटर का प्लॉट शामिल है। इन प्लॉट्स के लिए अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (ईएमडी) 2.19 करोड़ से लेकर 10.17 करोड़ रुपए के बीच निर्धारित की गई है।
ग्रेटर नोएडा के गांवों में औद्योगिक विकास प्राधिकरण डो टू डोर सर्वे कराने की तैयारी कर रहा है। प्राधिकरण द्वारा इस विषय में रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल माध्यम से लैंड ऑ़डिट व डो टू डोर सर्वे कराने के लिए कंसल्टेंट एजेंसी को आबद्ध करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि ग्रेटर नोएडा के गांवों में ड्रोन एरियल सर्वे की तैयारी भी चल रही है, ऐसे में कंसल्टेंट एजेंसी न केवल इस सर्वे से प्राप्त आंकड़ों का संकलन करेगी बल्कि डोर टू डोर सर्वे के लिए जरूरी प्रक्रिया को क्रियान्वित व निर्दिष्ट करेगी। उल्लेखनीय है कि कार्य प्राप्त करने वाली कंसल्टेंट एजेंसी को एक साल के कॉन्ट्रैक्ट पर रखा जाएगा जिसे डोर टू डोर इन्फॉर्मेशन कलेक्शन, बाउंड्री डिजिटाइजेशन व सर्वे, मैपिंग व रिपोर्टिंग जैसे कार्यों को अंजाम देना होगा।