गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि सरकार चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्लिनिकल प्रतिष्ठान अधिनियम को और कड़ा बनाने के लिए 15 सितंबर तक इसमें संशोधन करने वाला अध्यादेश लाएगी। सावंत ने इंडियन मेडिकल एसोशिएसन (आईएमए) द्वारा चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा पर आयोजित कार्यशाला में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से कहा, राज्य सरकार चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा कानूनों में आवश्यक बदलाव करना चाहती है। क्लीनिकल प्रतिष्ठान अधिनियम में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।
सावंत ने कहा कि चिकित्सा पेशेवरों को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने के लिए क्लीनिकल प्रतिष्ठान अधिनियम संबंधित अध्यादेश 15 सितंबर से पहले जारी कर दिया जाएगा। कोलकाता में एक जूनियर डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या की पृष्ठभूमि में आयोजित इस बैठक में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे, मुख्य सचिव पुनीत गोयल, पुलिस महानिदेशक आलोक कुमार और अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में प्रशासन और बुनियादी ढांचे से संबंधित आवश्यक बदलाव करने का भी आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि आईएमए महिला पुलिस उपनिरीक्षकों को चिकित्सकों पर हमलों और संबंधित अपराधों से निपटने के लिए संवेदनशील बनाने के लिए कार्यशालाएं और परामर्श सत्र आयोजित करेगा। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा कि सरकार क्लीनिकल प्रतिष्ठान अधिनियम में आवश्यक संशोधनों को लाने में तेजी दिखाएगी। उन्होंने कहा कि चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। गोवा एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (जीएआरडी) के अध्यक्ष डॉ. आयुष शर्मा ने राज्य संचालित गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में सुरक्षा की कमी और सुरक्षा संबंधी चिंताओं को उठाया। शर्मा ने कहा, चिकित्सकों की चिंताओं से राज्य सरकार को अवगत करा दिया गया है, जिसने रेजिडेंट डॉक्टर को तत्काल राहत देने का आश्वासन दिया है।