विदेश में बैठा गैंगस्टर गोल्डी बराड़ व जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई अपने नेटवर्क का इस्तेमाल कर देशभर में कांट्रेक्ट किलिंग व जबरन वसूली सहित अन्य अपराध करने की फिराक में थे। कई राज्यों में शूटर और दूसरे बदमाशों का इंतजाम कर हथियार भी मुहैया करवा दिए गए थे। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को भनक लगी तो 24 अप्रैल को मामला दर्ज किया गया।
इसके बाद स्पेशल सेल की टीम हरकत में आई और 20 से अधिक टीमों को दिल्ली-एनसीआर के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, यूपी और बिहार भेज दिया। ताबड़तोड़ छापे मारने के बाद पुलिस ने एक नाबालिग समेत 10 बदमाशों को दबोच लिया। इनके पास से सात पिस्टल, 31 कारतूस व 11 फोन और अन्य सामान बरामद किया गया है। बदमाश आकाओं के आदेश का इंतजार कर रहे थे। सभी एक दूसरे से फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये संपर्क में थे।
स्पेशल सेल की पुलिस उपायुक्त प्रतीक्षा गोदारा ने बताया कि गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के बदमाशों के बीच हुई बातचीत का पता सेल की टीम को लगा था। इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। 24 अप्रैल को स्पेशल सेल की टीम ने एक मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। एसीपी ललित मोहन नेगी, ह्दय भूषण, इंस्पेक्टर शिवकुमार और सतीश राणा के नेतृत्व में 20 टीमों का गठन किया गया। सभी टीमों को अलग-अलग राज्य में भेजा गया। पुलिस ने 27 अप्रैल को शास्त्री पार्क पुश्ता, दिल्ली से जसप्रीत सिंह उर्फ राहुल (25) को गिरफ्तार किया।