उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की जिला अदालत में गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लखनऊ कोर्ट रूम में सुरक्षा खामियों की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था।

इस आयोग को एक सप्ताह में रिपोर्ट देनी थी लेकिन जांच पूरी न होने की वजह से वह सबमिट नहीं हो पायी। अब एसआइटी को 22 जून तक समय मिला है।

एसआईटी ने 10 पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए हैं और घटनास्थल का मुआयना किया है। रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि अब 22 जून है। दरअसल लखनऊ की एक अदालत में सुरक्षा खामियों की जांच करने के लिए गठित तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) को 48 वर्षीय गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी ‘जीवा’ की 7 जून को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

आरोपी विजय यादव ने कथित तौर पर लखनऊ के एक अदालत कक्ष में संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (तकनीकी) मोहित अग्रवाल और लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) नीलाब्जा चौधरी और पुलिस महानिरीक्षक (अयोध्या रेंज) प्रवीण कुमार ने की थी।

शुरुआत में इसे अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था। हालांकि, यह बुधवार को समाप्त हुई समय सीमा तक अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करने में विफल रही।

सूत्रों की माने तो अब एसआईटी को 22 जून (गुरुवार) तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी। इसके अलावा, यह लखनऊ पुलिस द्वारा चलाए जा रहे जीवा हत्याकांड की जांच की निगरानी भी करेगा।

गौरतलब है कि जीवा की हत्या विजय यादव उर्फ आनंद यादव (26) नामक व्यक्ति ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के न्यायाधीश की अदालत में पुराने उच्च न्यायालय भवन के परिसर में की थी। आरोपी वकील के वेश में कोर्ट में दाखिल हुआ था। गोलीबारी में हेड कांस्टेबल लाल मोहम्मद और कमलेश चौधरी और 18 महीने की एक लड़की भी घायल हो गई।

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