कानपुर में हाल ही में शहर के एक थानेदार को एंटी करप्शन टीम ने 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। जिसके बाद पुलिस महकमे की बड़ी बदनामी हुई। मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि एक ऐसा मामला फिर सामने आ गया जिसने फिर पुलिस विभाग को बदनाम करने का काम किया। दरअसल मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों को नवाबगंज थाना पुलिस ने उठा लिया। जिससे नाराज होकर काकादेव थाना प्रभारी ने नवाबगंज थाना प्रभारी को धमकी दे डाली।
अपने ही समकक्ष को धमकी देने वाले इंस्पेक्टर विनय शर्मा को पुलिस कमिश्नर ने बुधवार को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू करा दी है। पुलिस कमिश्नर आरके स्वर्णकार ने यह कार्रवाई एडिशनल डीसीपी सेंट्रल द्वारा की गई जांच रिपोर्ट के आधार पर की। बीते रविवार रात नवाबगंज थाना प्रभारी रोहित तिवारी ने अपनी टीम के साथ काकादेव थाना क्षेत्र के डबल पुलिया के पास से दो गांजा तस्करों को पकड़ा था।
सौरभ और विनोद नाम के इन तस्करों के मोबाइल जब चेक किए गए तो ककादेव थाने के इंस्पेक्टर विनय शर्मा के खास सिपाही मयंक का नंबर मिला और बातचीत के कई सुबूत मिले। गांजा तस्करों ने ये स्वीकार भी किया कि वह सिपाही मयंक की जानकारी और सरपरस्ती में ही गांजा बेचते थे। साथ ही इसके एवज में वो उसे मोटी रकम भी दिया करते है। उधर दोनों तस्करों के परिजन इसी दौरान काकादेव थाने पहुंच गए और किसी टीम द्वारा उन्हें उठाए जाने की बात कही।
अपने थाना क्षेत्र से हुई इस गिरफ्तारी से नाराज होकर काकादेव इंस्पेक्टर विनय शर्मा ने नवाबगंज थाने के इंस्पेक्टर रोहित तिवारी को फोन किया और उन्हें धमकी दे डाली कि वो उनपर अपहरण का केस भी दर्ज कर सकते हैं। दोनों थाना प्रभारियों में बातचीत इतनी बढ़ गई कि नवाबगंज थाना प्रभारी ने इसकी शिकायत डीसीपी प्रमोद कुमार से कर दी। जिसके बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया और डीसीपी ने मामले की जांच एडीसीपी आरती सिंह को दे दी।
बुधवार को एडीसीपी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस कमिश्नर आरके स्वर्णकार ने इंस्पेक्टर काकादेव विनय शर्मा को निलंबित कर दिया है। साथ ही साथ उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू करा दी। डीसीपी प्रमोद कुमार ने बताया कि एडीसीपी की जांच के आधार पर प्रथम दृष्टया काकादेव इंस्पेक्टर दोषी पाए गए हैं। जिन्हें निलंबित कर दिया गया है।