हिंदू धर्म को लेकर हमेशा विवादित बयान देने वाले सपा के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सवाल खड़ा किया है। दरअसल, उन्होंने विधान परिषद में कहा कि क्या राम निर्जीव हो गए थे जो प्राण प्रतिष्ठा की जरूरत पड़ी, जो पहले से जीवित है उसमें प्राण प्रतिष्ठा की क्या जरूरत थी।
आपको बता दें कि पहले अयोध्या में हुए रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल खड़े किए इसके साथ ही आरोप लगा दिया कि सवर्ण हिंदू ओबीसी, एससी और एसटी का आरक्षण खा रहा है। उन्होंने रामलला को लेकर सवाल किए तो वहीं एक बार फिर हिंदुओं को बांटने की कोशिश की।उन्होंने कहा, ” क्या राम निर्जीव हो गए थे, जो प्राण प्रतिष्ठा की जरूरत पड़ी। जो पहले से जीवित है, उसमें प्राण प्रतिष्ठा की क्या जरूरत थी। अपर कास्ट का हिंदू ओबीसी, एससी और एसटी का आरक्षण खा रहा है और ये कहते हैं ओबीसी, एससी और एसटी भी हिंदू हैं”
स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि मैंने राज्यपाल का अभिभाषण पढ़ा, उसमें केवल सरकार का गुणगान किया गया है, जो जमीनी हकीकत से कोसों दूर है। राज्यपाल के भाषण के पृष्ठ एक पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बड़ी वाहवाही लूटी गई है। ऐसा लगता है कि बीजेपी के प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान राम थे ही नहीं। बीजेपी ऐसा ड्रामा कर रही है जैसे राम को वे ही लेकर आए हो। हजारों साल से रामलला की पूजा होती आ रही है, फिर प्राण प्रतिष्ठा का नाटक क्यों किया गया। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी का था। आयोजक भी बीजेपी, मुख्य अतिथि भी बीजेपी, और आयोजक विहिप और आरएसएस। भगवान राम को आराध्य मानने वालों को वहां नहीं जाने दिया गया।
आपको बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं की स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू देवी-देवताओं को लेकर कोई बयान दिया हो। इसके पहले भी रामचरित मानस को लेकर उनके द्वारा बवाल किया गया था। उनके बयानों से परेशान होकर भाजपा के नेताओं ने कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य जो कुछ भी बोल रहे हैं, वह अखिलेश यादव के इशारों पर कह रहे हैं। यही वजह है कि उनपर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा।