आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को विजयवाड़ा की एक अदालत द्वारा कौशल विकास घोटाले के मामले (Skill Development Scam Cases) में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद सोमवार तड़के राजमुंदरी सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।
कड़ी सुरक्षा के बीच, अपराध जांच विभाग (सीआईडी) तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सुप्रीमो को सड़क मार्ग से विजयवाड़ा से राजमुंदरी ले आई।
रात करीब 1:15 बजे काफिला जेल पहुंचा। पुलिस ने जेल के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे।
नायडू के बेटे नारा लोकेश को जेल के अंदर जाने की अनुमति दी गई और कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद वह जेल से बाहर चले गए।
नायडू की सुरक्षा में लगे एनएसजी कमांडो को जेल के अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई। विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट के निर्देश पर नायडू को एक विशेष कमरा आवंटित किया गया है। अदालत ने जेल अधिकारियों को घरेलू भोजन और दवाओं की अनुमति देने का भी निर्देश दिया है।
रात 10 बजे के बाद पुलिस वाहनों का काफिला विजयवाड़ा कोर्ट परिसर से निकला। पुलिस ने किसी अन्य वाहन को काफिले के पीछे नहीं चलने दिया।
200 किलोमीटर के रास्ते पर किसी भी विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा थी।
टीडीपी कार्यकर्ताओं ने शनिवार को कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया था, जब 73 वर्षीय नेता को नंद्याल से विजयवाड़ा लाया जा रहा था, जहां उन्हें शनिवार तड़के सीआईडी ने गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस ने एहतियात के तौर पर पूरे राज्य में धारा 144 लागू कर दी है।
लंबी बहस और दिन भर चले सस्पेंस के बाद शाम को एसीबी कोर्ट ने नायडू को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
टीडीपी नेताओं ने आरोप लगाया कि सीआईडी ने जानबूझकर नायडू को अदालत में पेश करने में देरी की और उन्हें लगभग 48 घंटे तक सोने से रोकने के लिए जेल में स्थानांतरित कर दिया।
नायडू के वकील सोमवार को हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर सकते हैं।