केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को सुनीता विश्वनाथ के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की एक तस्वीर दिखाई और कहा कि केवल राहुल गांधी ही बता सकते हैं कि वह इस महिला से क्यों मिले और मुलाकात में क्या हुआ। सुनीता विश्वनाथ को जॉर्ज सोरोस से जोड़ते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि हर भारतीय जॉर्ज सोरोस की मंशा से वाकिफ है। फिर राहुल गांधी अमेरिका में जॉर्ज सोरोस के सहयोगी से क्यों मिले?
सुनीता विश्वनाथ हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स की सह-संस्थापक हैं। यह एक अमेरिका आधारित संगठन है।सुनीता विश्वनाथ अफगान वीमेन फॉरवर्ड की सी-संस्थापक भी हैं। सुनीता विश्वनाथ 2020 में तब विवाद के केंद्र में थीं जब उन्हें कोलंबिया विश्वविद्यालय का रिलिजियस लाइफ एडवाइजर बनाया गया था। सुनीता विश्वनाथ की पहली शादी लेखक सुकेतु मेहता से हुई थी। उनकी दूसरी शादी स्टीफन शॉ से हुई थी। सोशल मीडिया पर सुनीता विश्वनाथ पर ‘सोरोस प्रॉक्सी’ होने का आरोप लगाया गया है और आरोप लगाया गया है कि अफगान महिलाओं के लिए उनके संगठन को जॉर्ज सोरोस से धन मिलता था।
दरअसल, सुनीता विश्वनाथ अक्सर हिंदू देवी-देवता पर सवाल उठाती रहती हैं। कुछ समय पहले उन्होंने ‘काली’ वेबसीरीज की निर्माता के पक्ष में हिंदू देवी देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक बातें की थीं। इससे पहले अपने लेख में सुनीता ने महादेव की चिलम फूंकती तस्वीर लगाकर कहा था कि हिंदुओं में शराब और सिगरेट कुछ निषेध नहीं है। देवताओं को ये सब चढ़ता है। सुनीता विश्वनाथ ने अपने लेख में सेक्स और समलैंगिकता को घुसाकर ये तक लिखा था कि धर्मग्रंथों में अनगिनत ऐसी कहानियां भरी पड़ी हैं जिन्हें पढ़कर समलैंगिकता से पैदा हुए बच्चों का पता चलता है। सुनीता ने यह भी लिखा था कि हिंदुओं के कुछ देवता तो समलैंगिक भी हैं। हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स नामक संगठन के जरिए सुनीता विश्वनाथ ‘हिंदू बनाम हिंदुत्व’ के नैरेटिव चलाकर लोगों को भ्रमित करने का काम करती हैं।
दरअसल, सुनीता विश्वनाथ (Sunita Vishwanath) इंडियन अमेरिका मुस्लिम काउंसिल यानी IAMC जैसे कट्टर संगठन से भी जुड़ी हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक IAMC संगठन अक्सर भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाता रहा है। खबरों के अनुसार इस संगठन का पश्चिम में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ संबंध है। इसलिए सुनीता विश्वनाथ पर सवाल उठते रहे हैं।
गौतलब है कि जॉर्ज सोरोस पिछले कुछ समय में से भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाने के लिए काफी चर्चा में रह चुका है। जॉर्ज सोरोस को अक्सर दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी के लिए जाना जाता है। जॉर्ज सोरोस पर कई सरकारों को गिराने का आरोप तक लग चुका है। सुनीता-जॉर्ज के कनेक्शन पर ही अमित मालवीय ने कहा था कि सुनीता जॉर्ज सोरोस की प्रतिनिधि हैं। जिन्होंने विपक्षी नेताओं, थिंक टैंक, पत्रकारों, वकीलों और कार्यकर्ताओं के एक नेटवर्क के माध्यम से भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए 1 बिलियन डॉलर देने का वादा किया है।