कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज में रेप-हत्या का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड को एक पत्र लिखकर स्वतः संज्ञान लेने की मांग की गई है। यह पत्र उज्जवल गौड़ और रोहित पांडेय ने लिखा है। पत्र के जरिए कोलकाता में एक युवा डॉक्टर के वीभत्स और नृशंस बलात्कार और हत्या में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई है। पत्र में कहा गया है कि यह मामला केवल एक निर्दोष जीवन का उल्लंघन नहीं है, यह हमारे राष्ट्र की आत्मा पर हमला है, न्याय और मानवता के आदर्शों का घोर अपमान है, जिसे हमारा महान संविधान कायम रखता है। जिस क्रूर तरीके से इस युवा जीवन को ख़त्म कर दिया गया, उसने हमारे राष्ट्र की सामूहिक चेतना को झकझोर कर रख दिया है। एक होनहार डॉक्टर, जिसने स्वयं को उपचार करने और लोगों की जान बचाने के पवित्र कर्तव्य के लिए समर्पित कर दिया था। उसी परिसर में क्रूरतापूर्वक दुर्व्यवहार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई, जहां उसने मानवता की सेवा की थी।
एक अन्य पत्र में कहा गया है कि डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता से देशभर के डॉक्टर आक्रोशित हैं। जिस लड़की के साथ घटना हुई, वो मध्यम वर्गीय परिवार की इकलौती संतान थी। इस घटना को किसी एक व्यक्ति ने अंजाम नहीं दिया, बल्कि इसमें कई लोग शामिल थे। जिस तरह उसको मारा गया, उसका वर्णन करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं। सीबीआई ने मामले में जांच को आगे बढ़ाते हुए आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। वहीं पीड़िता के पिता ने अस्पताल प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि सुबह 3 बजे से 10 बजे तक, जब उसके साथ यह घटना हुई, तब तक क्या किसी को उसकी जरूरत नहीं पड़ी, जब कि वह ऑन ड्यूटी डॉक्टर थी। उन्होंने पूरे अस्पताल मैनेजमेंट पर शक जताया है।
यहां बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त की रात को ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। पीड़ित डॉक्टर चेस्ट मेडिसिन विभाग में MD सेकेंड ईयर की स्टूडेंट थी। रात को 12 बजे दोस्तों संग डिनर के बाद वह सेमिनार हॉल में आराम करने चली गई थी, तभी उसके साथ यह घटना हुई।