चिराग पासवान ने जिस तरह से एनडीए से अलग होने का फैसला लिया था, उसको लेकर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने बड़ा दावा किया है। नित्यानंद राय ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की वजह से लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व अध्यक्ष चिराग पासवान ने एनडीए से अलग होने का फैसला लिया था।
दरअसल नीतीश कुमार ने आरोप लगाया था कि चिराग पासवान तीन साल पहले विधानसभा में भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे थे। नीतीश के आरोपों को खारिज करते हुए नित्यानंद राय ने कहा कि हम कभी भी एनडीए को छोड़ना नहीं चाहते थे, लेकिन नीतीश कुमार के अहंकार की वजह से हमे एनडीए छोड़ना पड़ा। यही नहीं नित्यानंद राय ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार जन संवेदनाओं से दूर हो चुके हैं।
राय ने कहा कि यह कहना गलत है कि हम नीतीश कुमार को 2020 के विधानसभा चुनाव में कमजोर करना चाहते थे। उनकी पार्टी को भाजपा से भी ज्यादा नुकसान इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि उन्होंने जन संवेदनाओं को खो दिया था। उनका अहंकार सबसे बड़ी समस्या है। सिर्फ यही वजह है कि चिराग पासवान ने उनसे रास्ते अलग कर लिए थे।
बता दें कि चिराग पासवान ने अधिकतर भाजपा के बागियों को टिकट दिया था और उन्हें मैदान में उतारा था, जिसकी वजह से जदयू 43 सीटों पर सिमट गई थी। जदयू के पास 2015 में 71 सीटें थीं। लेकिन पिछले चुनाव में यह घटकर 43 पहुंच गई। हालांकि उस वक्त भाजपा नीतीश कुमार के साथ रही, लेकिन चिराग ने अपने रास्ते अलग कर लिए थे।
शुक्रवार को नीतीश कुमार ने आरोप लगाया था कि उनकी पार्टी पिछले चुनाव में इसलिए अच्छा नहीं कर सकी क्योंकि भाजपा ने अपने एजेंट का इस्तेमाल किया था। हालांकि उन्होंने चिराग पासवान का नाम नहीं लिया था।
वहीं राय का कहना है कि चिराग ने कुछ उम्मीदवार हमारे यानि भाजपा के उम्मीदवारों के खिलाफ भी उतारे थे। हमने अपना वादा पूरा किया और नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया, बावजूद इसके कि उनकी लोकप्रियता काफी कम हो गई थी। यह सत्य है जिसे नकारा नहीं जा सकता है।