देश की चीता संरक्षण परियोजना को आगे बढ़ाते हुए एक मादा चीता और उसके चार शावकों को सोमवार को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान के जंगल में छोड़ा जाएगा। इससे उद्यान में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार रात सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि चीतों की संख्या बढ़ने से पर्यटकों को उन्हें प्राकृतिक आवास में देखने का अवसर मिलेगा और श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में आगंतुकों की संख्या बढ़ेगी।
यादव ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘कूनो में बढ़ेगा चीतों का कुनबा। कूनो राष्ट्रीय उद्यान के खजूरी पर्यटन जोन में दक्षिण अफ्रीका से आई मादा चीता ‘गामिनी’ अपने दो नर और दो मादा शावकों के साथ कल खुले जंगल में छोड़ी जाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सफारी के दौरान पर्यटकों को चीतों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अवसर मिलेगा जिससे पर्यटकों की संख्या में निश्चित ही वृद्धि होगी। मध्य प्रदेश सरकार वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को नयी ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए संकल्पित है।’’
गामिनी और उसके चार शावकों को जंगल में छोड़े जाने के बाद केएनपी में खुले में विचरण करने वाले चीतों की संख्या बढ़कर 17 हो जाएगी, जबकि नौ चीते बाड़ों में रहेंगे।
अधिकारियों के अनुसार, गामिनी ने 10 मार्च 2024 को छह शावकों को जन्म दिया था, लेकिन बाद में दो शावकों की मौत हो गई थी।
इससे पहले, 21 फरवरी को चीता ‘ज्वाला’ और उसके चार शावकों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के जंगल में छोड़ा गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़कर चीता पुनर्वास परियोजना की शुरुआत की थी।