सभी फसलों पर एमएसपी का गारंटी कानून बनाने और अपनी अन्य मांगों को लेकर किसान शंभू बॉर्डर पर छठे दिन भी आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच रविवार को किसान यूनियन के नेता और केंद्र सरकार के मंत्री चौथे दौर की बैठक करेंगे। इससे पहले, किसान नेताओं के चंडीगढ़ में हुई बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और पीयूष गोयल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ पंजाब सरकार के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए थे। हालांकि उस बैठक में कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया था।

वहीं, पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर आज हमारा छठा दिन है और सरकार ने कुछ समय मांगा है और कहा है कि वह इस मामले पर चर्चा करेंगे।

वहीं, किसानों के साथ होने वाली बैठक से पहले केंद्र हरियाणा सरकार ने एहतियात के तौर पर सात जिलों से इंटरनेट बैन नहीं हटाया है। किसान आंदोलन के चलते सरकार ने 19 फरवरी तक पाबंदी को बढ़ा दिया है। वहीं, किसान संगठनों ने एमएसपी के मुद्दे पर अध्यादेश लाने की मांग की है।

वहीं, पंजाब सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब इकट्ठे हुए प्रदर्शनकारी किसान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अधूरी मांगों पर विरोध दर्ज कराने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने पर अड़े थे, तो केंद्र ने “मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने” के लिए एक और दौर की बातचीत करने की घोषणा की।

बता दें कि पिछले 6 दिनों से 200 से अधिक किसान संघों का प्रतिनिधित्व करने वाले किसान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, कृषि ऋणों की माफी और विरोध करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामलों सहित अधूरी मांगों पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने पर अड़े हुए हैं।

गुरुवार देर शाम हुई किसान यूनियन नेताओं के साथ तीसरे दौर की बातचीत “बेनतीजा” रही। इसके बाद केंद्रीय मंत्री मुंडा ने कहा कि सरकार अभी भी उनकी मांगों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। चंडीगढ़ में किसान नेताओं के साथ तीसरे दौर की बातचीत में मुंडा के अलावा केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहे।

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