काल भैरव की पूजा का खास महत्व माना गया है। हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी  का व्रत रखा जाता है।

साल 2024 की पहली कालाष्टमी आज है। कालाष्टमी के दिन शिव भगवान का विग्रह रूप माने जाने वाले कालभैरव भगवान की पूजा – अर्चना की जाती है। इस दिन व्रत रखा जाता है जिसका विशेष महत्व है। कालभैरव को शिव जी का पांचवा अवतार माना गया है। कालभैरव सभी बाधाओं का शीघ्र ही निवारण करने वाले भगवान माने जाते हैं। इसके पूजन से प्रेत और तांत्रिक बाधाएं भी दूर होती हैं। ये कष्टों को दूर करने वाले देवता कहलाते हैं। कालाष्टमी के दिन कुछ कार्यों को करने की मनाही है, जिनको करने से काल भैरव नाराज हो जाते हैं। तो आपको बताते हैं कालाष्टमी के दिन क्या करें और क्या न करें।

कालाष्टमी के दिन क्या करना चाहिए
कालाष्टमी के दिन काल भैरव भवगान को नींबू की माला चढ़ाएं। ऐसा करने से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

कालाष्टमी के दिन श्रदा – भाव के अनुसार गरीबों को दान करना चाहिए।

कालाष्टमी के दिन काल भैरव भगवान का गुणगान करें।

इस खास दिन पर काल भैरव की विधि – विधान से पूजा करें।

भगवान को जलेबी और मिठाई का भोग लगाएं।

कालाष्टमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए

कालाष्टमी के दिन किसी को बुरा भला नहीं बोलना चाहिए।

काल भैरव की पूजा के लिए किसी का नुकसान नहीं करना चाहिए।

इस दिन मांसाहारी भोजन का सेवन न करें।

कालाष्टमी के दिन भक्तों को पैनी, नौकीली चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

किसी पशु-पक्षी को परेशान करने से बचे। ऐसा करने से आपको पाप लग सकता है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights