झारखंड की बड़कागांव विधानसभा सीट से 36 साल की कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद पर मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की और यह सर्च ऑपरेशन देर रात चला। 18 घंटे से ज्यादा देर तक चलने वाली इस छापेमारी में केंद्रीय जांच एजेंसी को भारी मात्रा में नगदी और कई अहम दस्तावेज बरामद किए हैं। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद और उनके रिश्तेदारों समेत 15 से ज्यादा ठिकानों पर कथित जमीन और ट्रांसफर-पोस्टिंग घोटालों से जुड़े मामलों रेड डाली थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी के एक्शन के बाद कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद बयान सामने आया है। उन्होंने भाजपा आरोप लगाते हुए कहा “वे (ईडी) सुबह-सुबह आए और पूरे दिन उनका टार्चर सहना पड़ा । उन्होंने मुझे घंटों तक एक जगह खड़ा रखा। मुझे भाजपा से हजारीबाग लोकसभा टिकट की पेशकश की गई थे, जिसे मैंने नजरअंदाज कर दिया। तब मुझ पर दबाव डाला गया।”
उन्होंने आगे कहा, “आरएसएस से जुड़े कई लोगों ने भी मुझ पर चतरा से चुनाव लड़ने का दबाव डाला। मैंने उसे भी नजरअंदाज कर दिया। वे मुझे हज़ारीबाग में एक बहुत मजबूत उम्मीदवार के रूप में देखते हैं क्योंकि हम लगातार बड़कागांव सीटें जीत रहे हैं। हम कांग्रेस से हैं, बीजेपी से नहीं। इसलिए हम आसान टार्गेट हैं।”
गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक पर सैंड माइनिंग, एक्सटार्शन और कुछ अन्य अपराधों मामलों में दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग प्रीवेन्शन एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत एक्शन लिया गया है। उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के रांची मंडल दफ्तर में मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत की गई थी।