उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को 2019 में कटक के बाराबती विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में कांग्रेस नेता मोहम्मद मोकिम के चुनाव को रद्द करने के ओडिशा उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी।

शीर्ष अदालत ने हालांकि स्पष्ट किया कि स्थगन आदेश इस शर्त के अधीन है कि मोकिम विधानसभा की कार्यवाही में वोट डालने के हकदार नहीं होंगे।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति के.वी. विनाथन ने कहा, ‘10 मई, 2024 तक जवाब दाखिल करने के लिये (संबंधित पक्षों को) नोटिस जारी करें।

इस बीच, आक्षेपित निर्णय का क्रियान्वयन इस शर्त के अधीन स्थगित रहेगा कि अपीलकर्ता विधानसभा की कार्यवाही में वोट डालने का हकदार नहीं होगा।’

पीठ ने उच्च न्यायालय के चार मार्च के आदेश को चुनौती देने वाली मोकिम की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।

शीर्ष अदालत ने मोकिम को विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी और कहा कि वह एक विधायक के रूप में सभी भत्तों और सुविधाओं के हकदार हैं। मोकिम का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता एस. मुरलीधर और पीतांबर आचार्य ने किया।

ओडिशा विधानसभा के पिछले चुनावों में मोकिम के चुनाव को बीजू जनता दल (बीजेडी) के हारे हुए उम्मीदवार देबाशीष सामंतराय ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

चुनौती इस आधार पर दी गई थी कि मोकिम ने कथित तौर पर उनके खिलाफ लंबित 13 आपराधिक मामलों के बारे में जानकारी छिपाई थी और संपत्ति का पूरा विवरण भी नहीं दिया था।

इस साल चार मार्च को उच्च न्यायालय ने उनके चुनाव को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि चुनाव का परिणाम ‘भौतिक रूप से प्रभावित’ हुआ था और यह नहीं कहा जा सकता कि मोकिम ‘विधिपूर्वक निर्वाचित’ थे।

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