अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “ जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को मरणोपरांत घोषित भारत रत्न दरअसल ‘सामाजिक न्याय’ के आंदोलन की जीत है, जो दर्शाती है कि सामाजिक न्याय व आरक्षण के परंपरागत विरोधियों को भी मन मारकर अब पीडीए के 90% लोगों की एकजुटता के आगे झुकना पड़ रहा है। PDA की एकता फलीभूत हो रही है।
जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को मरणोपरांत घोषित भारत रत्न दरअसल ‘सामाजिक न्याय’ के आंदोलन की जीत है, जो दर्शाती है कि सामाजिक न्याय व आरक्षण के परंपरागत विरोधियों को भी मन मारकर अब पीडीए के 90% लोगों की एकजुटता के आगे झुकना पड़ रहा है।
PDA की एकता फलीभूत हो रही है। #PDA_हराएगा_NDA pic.twitter.com/C4BjxfBXCv
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 23, 2024
कर्पूरी ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री है। इनका जन्म 24 जनवरी 1924 को बिहार के समस्तीपुर जिले के पितौझिय गांव में हुआ था। कर्पूरी ठाकुर 1942 के असहयोग आंदोलन में भी भाग ले चुके हैं। स्वतंत्र भारत में कर्पूरी ठाकुर पहली बार साल 1952 में विधायक बने थे। वह 1970 में पहली बार बिहार राज्य के मुख्यमंत्री बने। आपातकाल खत्म होने के बाद साल 1977 में जनता पार्टी की सरकार में कर्पूरी ठाकुर दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। बिहार में लोग उन्हें जन नायक नाम से पुकारते थे। साल 1988 में कर्पूरी ठाकुर का निधन हो गया। लेकिन इतने साल बाद भी वो आज बिहार के पिछड़े और अति पिछड़े मतदाताओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं।