केंद्र की मोदी सरकार ने मंगलवार 23 जनवरी को प्रमुख समाजवादी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की है। पूर्व सीएम ठाकुर को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित करने का ऐलान उनकी 100वीं जयंती से ठीक एक दिन पहले किया गया है। इसके बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि पीडीए के 90% लोगों की एकजुटता के आगे आरक्षण विरोधियों को झुकना पड़ा है।

अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “ जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को मरणोपरांत घोषित भारत रत्न दरअसल ‘सामाजिक न्याय’ के आंदोलन की जीत है, जो दर्शाती है कि सामाजिक न्याय व आरक्षण के परंपरागत विरोधियों को भी मन मारकर अब पीडीए के 90% लोगों की एकजुटता के आगे झुकना पड़ रहा है। PDA की एकता फलीभूत हो रही है।


कर्पूरी ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री है। इनका जन्म 24 जनवरी 1924 को बिहार के समस्तीपुर जिले के पितौझिय गांव में हुआ था। कर्पूरी ठाकुर 1942 के असहयोग आंदोलन में भी भाग ले चुके हैं। स्वतंत्र भारत में कर्पूरी ठाकुर पहली बार साल 1952 में विधायक बने थे। वह 1970 में पहली बार बिहार राज्य के मुख्यमंत्री बने। आपातकाल खत्म होने के बाद साल 1977 में जनता पार्टी की सरकार में कर्पूरी ठाकुर दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। बिहार में लोग उन्हें जन नायक नाम से पुकारते थे। साल 1988 में कर्पूरी ठाकुर का निधन हो गया। लेकिन इतने साल बाद भी वो आज बिहार के पिछड़े और अति पिछड़े मतदाताओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं।

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