पटना: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को कहा कि कर्पूरी जन्मशताब्दी के अवसर पर राज्य में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की ओर से राज्य स्तरीय सम्मलेन स्थगित किया जाना अतिपिछड़ों का ‘राजकीय अपमान’ है।

सुशील मोदी ने बयान जारी कर कहा कि मकर संक्रांति (15 जनवरी) के बाद ठंड कम होने लगती है और यदि भीड़ कम आने का आकलन था तो पूर्व मुख्यमंत्री जननायक स्व. कर्पूरी ठाकुर के जन्म शताब्दी के मौके पर राज्य स्तरीय समारोह को बापू सभागार में भी किया जा सकता था, लेकिन तैयारी के बाद सीधे स्थगित कर देना कर्पूरी ठाकुर जैसे कद्दावर नेता और उनके अतिपिछड़ा समाज का ‘राजकीय अपमान’ है।

भाजपा सांसद ने कहा कि नीतीश कुमार की नीति और नीयत में खोट के कारण अतिपिछड़ा जनाधार जदयू से खिसक चुका है, इसलिए भीड़ न जुटने के डर से ठंड के बहाने समारोह स्थगित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि हाल में विकास मित्रों, टोला सेवकों को लगा कर सरकारी तंत्र के दुरुपयोग से भले ही ‘भीम संसद’ का आयोजन करा लिया गया, लेकिन कर्पूरी जयंती समारोह में अतिपिछड़ा समाज जुटने वाला नहीं था।

मोदी ने कहा कि जदयू इस बात से भी डरी हुई है कि मुख्यमंत्री कब क्या बोल देंगे, इसका कोई ठिकाना नहीं। ऐसे ही कारणों से नीतीश कुमार की बनारस रैली रद्द की गई थी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ-हानि की चिंता किए बिना जदयू कर्पूरी जयंती (24 जनवरी) पर राज्य स्तरीय सम्मलेन स्थगित करने से बच सकता था। क्या जदयू 15-20 हजार लोगों को भी एकत्र नहीं कर सकता था।

 

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