कर्नाटक में विपक्ष का नेता कौन बनेगा इसे लेकर BJP जल्द ही अपने पत्ते खोल सकती है।

रविवार देर रात को दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच हुई मुलाकात के दौरान यह फैसला किया गया कि कर्नाटक BJP विधायक दल की बैठक में नेता का चुनाव करने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया  और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े  को बेंगलुरु भेजा जाए।

नड्डा इस मसले पर विचार विमर्श करने के लिए रविवार रात को अमित शाह के आवास पर पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि मनसुख मंडाविया और विनोद तावड़े, दोनो नेता कर्नाटक में विपक्ष का नेता यानी कर्नाटक विधानसभा में भाजपा विधायक दल का नेता चुनने के लिए सोमवार को बेंगलुरु जाएंगे।

बताया जा रहा है कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से जेपी नड्डा और अमित शाह की मुलाकात के बाद पार्टी आलाकमान ने राज्य में दो केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाकर भेजने का फैसला किया। जेपी नड्डा ने रविवार को ही येदियुरप्पा को दिल्ली बुला लिया था। दरअसल,कर्नाटक में चुनाव हारने के बावजूद विधान सभा में भाजपा विधायक दल का नेता कौन बने, इसे लेकर पार्टी के अंदर आंतरिक घमासान जारी है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई इस लिस्ट में फिलहाल सबसे आगे चल रहे हैं।

लेकिन पार्टी के अंदर ही कई अन्य दिग्गज नेता भी इस पद के लिए अपनी-अपनी दावेदारी जता रहे हैं। यही वजह है कि कर्नाटक में विपक्ष के नेता के चुनाव को लेकर इतनी देरी हुई। देरी की एक और वजह भी बताई जा रही है कि विधानसभा का चुनाव हारने के बाद 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी कर्नाटक में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती, इसलिए तमाम पहलुओं पर गहराई से विचार विचार-विमर्श करके ही विपक्ष के नेता की नियुक्ति करना चाहती है, क्योंकि इस चेहरे पर 2024 लोक सभा चुनाव का भी दारोमदार रहने वाला है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights