उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में कब्रिस्तान के बाउंड्री के पास शिवलिंग मिली है। दावा किया जा रहा है कि यह शिवलिंग 150 साल पुराना है। शिवलिंग का पता चलने के बाद श्रद्धालुओं ने यहां शिवलिंग की साफ-सफाई की और जलाभिषेक भी किया। यह मामला मोदीनगर तहसील क्षेत्र में गांव आबिदपुर मानकी का है।
हिंदू संगठनों ने शिवलिंग मिलने पर पुलिस से शिकायत की और आपत्ति भी जताई। हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया है कि शिवलिंग को मजार की दीवारों में कैद किया जा रहा था। साथ ही, हिंदू युवा वाहिनी ने शिवलिंग के लिए अलग रास्ता दिलाने की मांग उठाई है। मोदीनगर SDM को हिंदू संगठनों के लोगों ने इस मांग को लेकर ज्ञापन भी सौंपा है। दावा किया जा रहा है कि 150 वर्ष प्राचीन यह शिवलिंग कब्रिस्तान की बाउंड्री में पीर के निकट है।
हिंदू युवा वाहिनी और अन्य संगठनों ने मोदीनगर थाना पुलिस को एक शिकायत दी है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मानकी गांव, जहां 80 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है, में शिवलिंग के पास जानबूझकर मजार बनाकर उसे चारदीवारी के अंदर कैद कर दिया गया है। इस मामले को लेकर हिंदूवादी संगठनों ने पुलिस को तहरीर दी है और मंदिर का सही तरीके से निर्माण कराने की मांग की है।
एसडीएम पूजा गुप्ता ने मीडिया को बताया, ”कुछ दिन पहले मामला हमारे संज्ञान में आया है। मानकी गांव में एक पुराना कब्रिस्तान है, जहां एक शिवलिंग और एक कब्र अगल-बगल स्थित बताई जा रही है। मौके पर जाकर गहनता से जांच की जाएगी और रिकॉर्ड सत्यापन किया जा रहा है, और उसके बाद ही कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। कब्रिस्तान कथित तौर पर 20-30 साल से अधिक पुराना है, जबकि प्रारंभिक निष्कर्षों के आधार पर, शिवलिंग और कब्र दोनों कम से कम 8-10 साल पुराने होने का अनुमान है।”