दिल्ली की एक अदालत ने शिखर धवन और उनकी पत्नी आयशा मुखर्जी के तलाक को मंजूरी दे दी है। दोनों में काफी वक्त से विवाद चल रहा था। कोर्ट ने माना कि क्रिकेटर को तलाक से पहले मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। साथ ही उन्हें बेटे से मिलने की इजाजत दी गई है।
दिल्ली के पटियाला हाउस परिसर में फैमिली कोर्ट ने शिखर धवन के तलाक को मंजूरी दी है। कोर्ट ने कहा कि शिखर धवन की पत्नी ने क्रिकेटर को अपने इकलौते बेटे से सालों तक अलग रखा, जिससे उनको मानसिक पीड़ा पहुंची। इसके साथ ही जस्टिस हरीश कुमार ने धवन द्वारा पत्नी पर लगाए गए सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि धवन की पत्नी ने उनके आरोपों का विरोध नहीं किया या वो अपना बचाव करने में विफल रहीं। ऐसे में तलाक को मंजूरी दी जाती है। हालांकि, कोर्ट ने बेटे की स्थायी कस्टडी से संबंधित कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।
धवन की पत्नी भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया में भी रहती हैं। ऐसे में कोर्ट ने उनको उचित अवधि के लिए बेटे के साथ वीडियो कॉल पर बात करने का अधिकार दिया। स्कूल की आधी छुट्टी के दौरान धवन का बेटा उनके और उनके परिवार के साथ रह सकता है। उसे भारत लाने का आदेश आयशा को कोर्ट ने दिया है।
कोर्ट ने ये भी कहा कि याचिकाकर्ता शिखर धवन एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं। एक नागरिक और एक जिम्मेदार पिता के रूप में उनके भी अधिकार हैं। अदालत बच्चे के अपने पिता और परिवार के साथ रहने के अधिकार के प्रति सचेत है।
करियर के शुरुआती दिनों में शिखर धवन ने आयशा को फेसबुक पर देखा था। वहां से दोनों में बात शुरू हुई और फिर उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई। शिखर अपनी पत्नी से 10 साल छोटे थे, फिर भी उन्होंने साल 2012 में उनसे शादी कर ली। आयशा की ये दूसरी शादी थी। उनके पहले पति ऑस्ट्रेलिया में बिजनेसमैन हैं। जिनसे उनका तलाक हो चुका था। पहले पति से उनकी दो बेटियां हैं, जबकि शिखर धवन से उनका एक बेटा है।