आजकल लोग कहीं आने-जाने के लिए कैब और बाइक सर्विस का खूब इस्तेमाल करते हैं। उबर, ओला और रैपिडो जैसी कंपनियां इस सुविधा को आसान बनाती हैं। बस ऐप से कैब बुक करें और मिनटों में अपनी मंजिल तक पहुंचें।लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर एक शख्स ने उबर कैब बुकिंग का स्क्रीनशॉट शेयर किया जो खूब चर्चा में है।

इस स्क्रीनशॉट में दिखाया गया कि एक ही डेस्टिनेशन के लिए आईफोन और एंड्रॉयड फोन से बुकिंग करने पर किराया अलग-अलग था। इस मामले ने यूजर्स को हैरान कर दिया। आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है।

क्या है मामला?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुधीर नाम के एक शख्स ने अपने X हैंडल (@seriousfunnyguy) पर स्क्रीनशॉट शेयर किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने एंड्रॉयड फोन से कैब बुक करने पर किराया 290 रुपये दिखाया जबकि उनकी बेटी ने उसी समय आईफोन से बुकिंग की तो किराया 342 रुपये दिखा।

सुधीर ने लिखा,

“एक ही डेस्टिनेशन और एक ही कंपनी के लिए अलग-अलग किराया कैसे हो सकता है?”

यह देखकर उन्होंने स्क्रीनशॉट शेयर किया और यह पोस्ट तेजी से वायरल हो गई।

क्यों होता है किराए में अंतर?

विशेषज्ञों के मुताबिक यह अंतर डायनेमिक प्राइसिंग एल्गोरिदम की वजह से होता है। यह एल्गोरिदम विभिन्न डेटा पॉइंट्स के आधार पर किराए को तय करता है।

इन कारणों से अलग होता है किराया:

डिवाइस का डेटा:

ऐप यह देखता है कि आप किस डिवाइस का इस्तेमाल कर रहे हैं। आईफोन यूजर्स को आमतौर पर “प्रीमियम यूजर” माना जाता है इसलिए उनके लिए किराया ज्यादा हो सकता है।

यूजर बिहेवियर:

ऐप यह समझने की कोशिश करता है कि आप कितनी बार कैब बुक करते हैं आपके ट्रैवल पैटर्न कैसे हैं और आपकी भुगतान करने की क्षमता क्या है।

डिमांड और सप्लाई:

यदि आपके इलाके में उस समय कैब की डिमांड ज्यादा है तो किराया अपने आप बढ़ सकता है।

फ्रीक्वेंसी:

जिन यूजर्स ने पहले ज्यादा बार कैब बुक की है उनके लिए किराया कम हो सकता है जबकि नए या अनियमित यूजर्स के लिए यह बढ़ सकता है।

कंपनियों का क्या कहना है?

उबर जैसी कंपनियां इस डायनेमिक प्राइसिंग सिस्टम का इस्तेमाल करती हैं। हालांकि इस पर कंपनी की ओर से सफाई दी गई है कि यह प्रक्रिया स्वचालित है और इसका उद्देश्य ग्राहकों की सुविधा और बाजार की मांग के अनुसार सेवा प्रदान करना है।

यह सिर्फ कैब बुकिंग तक सीमित नहीं

विशेषज्ञों का कहना है कि यह तरीका केवल कैब बुकिंग तक सीमित नहीं है। ई-कॉमर्स साइट्स, फ्लाइट बुकिंग और अन्य ऑनलाइन सेवाएं भी इसी तरह से कीमत तय करती हैं।

क्या करना चाहिए?

– किराए की तुलना करें: बुकिंग से पहले अलग-अलग डिवाइस से कीमत चेक करें।
– विकल्प देखें: केवल एक ही प्लेटफॉर्म पर निर्भर न रहें।
– डिस्काउंट और ऑफर का उपयोग करें: यदि कोई कूपन या ऑफर उपलब्ध है तो उसका इस्तेमाल करें।

वहीं यह घटना इस बात को उजागर करती है कि कैसे तकनीकी कंपनियां ग्राहकों के डेटा का उपयोग करके कीमतें तय करती हैं। यह समझदारी से कैब बुकिंग करने और सतर्क रहने का एक महत्वपूर्ण सबक है।

 

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