उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सपा पहले से कमर कसती हुई दिखाई दे रही है। उपचुनाव के लिए अधिकतर सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम तय कर दिए हैं।

उन्हें कह दिया गया है कि क्षेत्र में तैयारी करें। कार्यकर्ताओं को भी बता दिया गया है कि कौन-सी सीट से किसे टिकट मिल सकता है। हालांकि सार्वजनिक तौर पर नामों का ऐलान प्रदेश में चुनाव की तारीखें सामने आने के बाद किया जाएगा। ज्यादातर सीटों पर उम्मीदवार उसी परिवार से तय किया गया है, जो पहले वहां चुनाव लड़ चुका है। पार्टी में चर्चा यह भी है कि जहां प्रत्याशी तय किए गए, वहां अंतिम समय में कुछ फेरबदल भी हाे सकता है।

मिल्कीपुर: यह सीट फैजाबाद से चुनाव जीते अवधेश प्रसाद के इस्तीफे से खाली हुई है। अब इस सीट से सपा ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद का नाम प्रत्याशी के रूप में फाइनल किया है।

करहल: मैनपुरी की करहल सीट अखिलेश यादव के सांसद चुने जाने से खाली हुई है। सपा यहां से मैनपुरी के सांसद रह चुके तेज प्रताप यादव को प्रत्याशी बनाएगी। तेज प्रताप की सक्रियता करहल क्षेत्र में काफी बढ़ गई है। तेज प्रताप अगर करहल से जीत हासिल करने में कामयाब होते हैं, तो वह मुलायम परिवार के 8वें सदस्य होंगे जो मौजूदा समय में किसी न किसी सदन के सदस्य होंगे। लोकसभा में अखिलेश यादव, डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव, अक्षय यादव, आदित्य यादव, राज्यसभा में राम गोपाल यादव और यूपी विधानसभा में शिवपाल यादव पहले से सदस्य हैं।

कटहरी: अंबेडकर नगर की कटहरी सीट लालजी वर्मा के सांसद चुने जाने से खाली हुई। यहां से लालजी वर्मा की पत्नी सुभावती वर्मा प्रत्याशी होंगी। वह ब्लॉक प्रमुख रह चुकी हैं। हालांकि इस सीट से कई और दावेदार थे, जिनकी दावेदारी को फिलहाल खारिज कर दिया गया है।

सीसामऊ: सीसामऊ से विधायक रहे इरफान सोलंकी को 7 साल की सजा होने के कारण यह सीट खाली हुई। यहां से सपा ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को उम्मीदवार बनाया जाएगा। सिर्फ घोषणा भर बाकी है।

मझवां: मिर्जापुर जिले की इस सीट पर भदोही के पूर्व सांसद रमेश बिंद की बेटी डॉ. ज्योति बिंद को प्रत्याशी बनाएगी। रमेश बिंद लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़ सपा में आ गए थे। सपा ने उन्हें मिर्जापुर से टिकट दिया था। रमेश बिंद मिर्जापुर सीट से हार गए थे।

कुंदरकी: इस विधानसभा सीट से सपा के  पूर्व विधायक हाजी रिजवान पर दांव लगाने जा रही है। हाजी रिजवान 2012 और 2017 में इस सीट से विधायक रह चुके हैं। 2022 के चुनाव में सपा ने यहां से शफीकुर्रहमान बर्क के पौत्र को टिकट दिया था। जियाउर्रहमान वर्क यहां से पहले विधायक चुने गए। शफीकुर्रहमान बर्क का निधन हुआ, तो 2024 के लोकसभा चुनाव में उनके पौत्र को टिकट दे दिया। उनके सांसद चुने जाने के बाद कुंदरकी सीट खाली हुई।

सूत्रों का कहना है, मीरापुर और फूलपुर सीट के लिए प्रत्याशियों के नाम तय नहीं हो सके हैं। जल्द ही इन दोनों सीटों पर भी अखिलेश यादव फैसला ले लेंगे। बाकी दो सीटें गाजियाबाद और खैर पर कांग्रेस को गठबंधन में दे सकती है। इसलिए इस पर अभी नाम तय नहीं किया है।

अंदर की खबर के अनुसार, मीरापुर और फूलपुर सीट के लिए प्रत्याशियों के नाम तय नहीं हो सके हैं। जल्द ही इन दोनों सीटों पर भी अखिलेश यादव फैसला ले लेंगे। बाकी दो सीटें गाजियाबाद और खैर पर कांग्रेस को गठबंधन में दे सकती है। इसलिए इस पर अभी नाम तय नहीं किया है।

 

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