उत्तराखंड पुलिस ने हाल ही में बागेश्वर जिले के अंग्यारी महादेव मंदिर के बाबा अलग मुनि महाराज की मौत का राज़ खोला है। पुलिस ने बताया कि बाबा की हत्या उनके शिष्य और एक ड्राइवर ने मिलकर की थी। दोनों आरोपियों ने पुलिस को बताया कि गुस्से में आकर उन्होंने बाबा को नशे की हालत में पहाड़ी पर अकेला छोड़ दिया था जिसके बाद बाबा अचानक खाई में गिर गए और उनकी मौत हो गई।
पुलिस ने बाबा की हत्या के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक आरोपी बाबा का शिष्य अर्जुन गिरी है जो दिल्ली के शिव बिहार इलाके का रहने वाला है। दूसरा आरोपी हरेन्द्र सिंह रावत है जो पेशे से ड्राइवर है और चमोली जिले का निवासी है। पुलिस ने बताया कि 25 नवंबर को बाबा के लापता होने की शिकायत मजकोट के पूर्व ग्राम प्रधान ने दर्ज कराई थी जिसके बाद मामले की जांच शुरू की गई।
शिकायत मिलने के बाद राजस्व उप निरीक्षक ने तुरंत मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। अगले दिन पुलिस और राजस्व टीम ने महादेव मंदिर के पास जंगल में बाबा का शव बरामद किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने इसे पुलिस के हवाले कर दिया और थाना प्रभारी प्रताप सिंह नगरकोटी को इस मामले की जांच सौंप दी।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि बाबा आखिरी बार अपने शिष्य अर्जुन गिरी और ड्राइवर हरेन्द्र रावत के साथ थे। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर कड़ी पूछताछ की और दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपियों ने बताया कि बदरीनाथ से लौटते समय बाबा ने दोनों के साथ शराब पी थी।
अंग्यारी महादेव मंदिर पहुंचने से पहले रात हो चुकी थी और बाबा संकरे रास्ते से मंदिर की ओर जा रहे थे। इस दौरान बाबा का पैर फिसल गया और वह पहाड़ी से गिर गए। हालांकि, दोनों आरोपियों ने बाबा को किसी तरह बाहर निकाला और मंदिर की ओर ले जाने लगे लेकिन तभी बाबा ने उन्हें गालियां देनी शुरू कर दी। गुस्से में आकर दोनों आरोपियों ने बाबा को वहीं छोड़ दिया और फिर बाबा एक बार फिर पहाड़ी से गिर गए।
गुस्से में आकर आरोपियों ने न तो बाबा को फिर से बचाने की कोशिश की न ही किसी को इस बारे में जानकारी दी। दोनों आरोपियों ने इस घटना को छिपाया और घर लौट आए। बाद में बाबा का शव जंगल में मिला और मामले का खुलासा हुआ।