मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली बड़ी जीत के बाद कांग्रेस ईवीएम पर सवाल उठा रही है।

ऐसे में कांग्रेस से बगावत कर खरगापुर से विधानसभा का निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने वाले अजय सिंह यादव ने कांग्रेस से अपने विधायकों का इस्तीफा दिलाकर मतपत्र से चुनाव कराने की पहल की उम्मीद जताई है।

कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष रहे यादव ने टीकमगढ़ जिले के खरगापुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा। इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को जीत मिली है।

यादव ने नतीजों के बाद कहा कि खरगापुर के जो नतीजे आए हैं, वह किसी न किसी गड़बड़ी की आशंका जताते हैं। इसीलिए उन्होंने चुनाव आयोग से शिकायत की और लोकतंत्र की रक्षा के लिए निर्धारित वैज्ञानिक पद्धति से खरगापुर के चुनाव नतीजों की न्यायसंगत तरीके से परीक्षण की मांग की है।

यादव का कहना है कि जब उन्होंने कांग्रेस छोड़कर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान करने मेला ग्राउंड में सभा की थी, तो उसमें पांच हजार से ज्यादा लोग आए थे। यह सभा उस स्थान पर हुई थी जहां बाद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सभा हुई थी।

मेरी सभा में पूरा डोम भरा था जितना राहुल गांधी की सभा में भरा था। चुनाव प्रचार एवं चुनाव के उपरांत भारी जन समर्थन मिला, मगर जो नतीजे आए और 1458 वोट मिले, वो संदेह पैदा कर रहे हैं।

यादव ने तमाम दस्तावेज और नतीजों के आंकड़ों के साथ कहा कि पूरे क्षेत्र के मतदान केंद्रों में उनके प्रतिनिधि थे, मगर उन स्थानों पर शून्य, एक या दो वोट मिले, जो संदेह पैदा करते हैं।

कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार चुनाव में ईवीएम की गड़बड़ी का मुद्दा उठाया जा रहा है, इसलिए मेरी कांग्रेस पार्टी के तमाम नेताओं से नैतिक आधार पर मांग है कि पार्टी अपने खरगापुर विधायक का इस्तीफा दिलवाकर निर्वाचन आयोग के सामने मतपत्रों के माध्यम से चुनाव करवाने का प्रस्ताव दें ताकि मतपत्रों से आये चुनाव परिणाम के माध्यम से देश में लंबे समय से चली आ रही है इस गफलत का भी निराकरण हो सके एवं लोकतंत्र मजबूत हो सके।

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