राम उत्सव को लेकर अयोध्या पूरी तरह से तैयार है। राम मंदिर निर्माण के साथ प्राण – प्रतिष्ठा पूजन की तैयारियां भी अपने अंतिम दौर में है।
22 जनवरी 2024 को भगवान श्री राम अपने मंदिर में पूजा पाठ के बाद विराजमान हो जाएंगे। इस दिन पूजा – पाठ से जुड़े कई अनुष्ठान किए जाएंगे। आपको बता दें 22 जनवरी को तड़के सुबह सबसे पहले भगवान राम को नींद से जगाया जाएगा।
भगवान राम को नींद से जगाने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाएगा
‘उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गोविंद, उत्तिष्ठ गरुडध्वज।
उत्तिष्ठ कमलाकान्त, त्रैलोक्यं मंगलं कुरु ।।
इसके बाद रामलला की छोटी प्रतिमा को गर्भ गृह में प्रवेश कराया जाएगा। हालाकिं बड़ी मूर्ति पहले से वहां पर विराजमान रहेगी। इस दौरान प्राण प्रतिष्ठा का पूजन, हवन का काम भी सभी मंडपों में चलता रहेगा।
इस मंत्रो से होगी पूजा
11 बजे के करीब प्राण प्रतिष्ठा की मुख्य विधि की शुरूआत होगी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में सूक्ष्म संजीवनी मुहूर्त में भगवान श्री राम को वहां स्थापित किया जाएगा।
उस दौरान प्राण प्रतिष्ठा के इन मंत्रों का जाप होगा।
‘मानो जूतिर्जुषतामज्यस्य बृहस्पतिर्यज्ञमिमं,
तनोत्वरितष्टं यज्ञ गुम समिम दधातु विश्वेदेवास इह मदयन्ता मोम्प्रतिष्ठ।।
अस्यै प्राणा: प्रतिष्ठन्तु अस्यै प्राणा: क्षरन्तु च अस्यै,
देवत्य मर्चायै माम् हेति च कश्चन।।
ऊं श्रीमन्महागणाधिपतये नम:
सुप्रतिष्ठितो भव, प्रसन्नो भव, वरदा भव।’
प्राण प्रतिष्ठा मंत्र –
ॐ आं ह्रीं क्रौं यं रं लं वं शं षं सं हों।।
ॐ क्षं सं हंसः ह्रीं ॐ हंसः – महाप्राणा इहप्राणाः
आं ह्रीं क्रौं यं रं लं वं शं षं सं हों – मम जीव इह स्थितः
आं ह्रीं क्रौं यं रं लं वं शं षं सं हों – मम सर्वेन्द्रियाणीह स्थितानि
आं ह्रीं क्रौं यं रं लं वं शं षं सं हों – मम वाड.मनश्चक्षु: श्रोत्र घ्राण प्राणा इहागत्य सुस्वचिरंतिष्ठन्तु ॐ क्षं सं हंसः ह्रीं ॐ स्वाहा।।
प्राण प्रतिष्ठा पूजा विधि –
प्राण प्रतिष्ठा हमेशा स्थिर लग्न और शुभ नक्षत्र में करें।
इस बात का ध्यान रहे कि राहुकाल में प्राण प्रतिष्ठा वर्जित है।
सबसे पहले भगवान की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं।
अगर पंचामृत नहीं है तो साफ जल, गंगा जल या दूध, दही से स्नान करा सकते हैं।
स्नान कराने के बाद उन्हें वस्त्र पहनाएं।
अब प्रतिमा पर फूल, फल, धूप, नैवेद्य, चंदन, दीप, मिठाई,अक्षत आदि अर्पित करें।
अपने दायें हाथ में साफ जल लेकर इन मंत्रों का उच्चारण करें-
‘अस्य श्री प्राण प्रतिष्ठा मंत्रस्य ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वराः ऋषय: ऋग्यजु सामानि छन्दांसि
क्रियामय वपु: प्राणाख्या देवता. आं बीजं ह्रीं शक्तिः क्रौं कीलकम् अस्मिन ( जिन भगवान की मूर्ती स्थापित करनी है उनका नाम) यंत्रे प्राण प्रतिष्ठापने विनियोग।
उच्चारण के बाद जल को भूमि पर गिरा दें।
आखिर में देव स्तुति, आरती के बाद प्रसाद वितरण करें।