उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने के लक्ष्‍य को लेकर काम कर रही योगी सरकार ने सोमवार को विधानसभा में राज्‍य के इतिहास का सबसे बड़ा बजट प्रस्‍तुत किया। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए यूपी के बजट का आकार 7,36,437.71 करोड़ रुपये है।

बजट में 24,863.57 करोड़ रुपये की नई योजनाएं भी शामिल हैं। यह बजट पिछले बजट से 6.7 फीसदी अधिक है। इसमें धार्मिक पर्यटन के अलावा रोजगार सृजन और महिलाओं के आर्थिक स्‍वावलंबन पर विशेष ध्‍यान दिया गया है। सरकार के प्रयासों से राज्‍य सकल घरेलू उत्‍पाद के सापेक्ष राजकोषीय घाटे का अंतर भी कम हुआ है। चालू वित्तीय वर्ष में राज्‍य सरकार ने 3.46 फीसदी राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है।

बजट में धर्मार्थ कार्य के मद में 4,547 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस पैसे से धर्मस्‍थलों वाले जिलों में मूलभूत संरचना का विकास एवं सुदृढ़ीकरण शामिल है। अयोध्‍या के सर्वांगीण विकास के लिये 100 करोड़ तथा एयरपोर्ट विस्‍तार के लिये 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ के लिए 2500 करोड़ रुपये की व्‍यवस्था बजट में की गई है। नैमिषारण्‍य में पर्यटन विकास के लिये 100 करोड़ रुपया खर्च किया जायेगा। प्रदेश के अन्‍य धार्मिक स्‍थलों के विकास के लिये भी योगी सरकार ने अपना खजाना खोला है। योगी आदित्‍यनाथ ने बजट को राम को समर्पित लोकमंगल का बजट बताया।

बजट में सरकार ने धार्मिक पर्यटन पर विशेष तौर पर फोकस किया है। पर्यटन को राज्‍य की अर्थव्‍यस्‍था का मजबूत स्‍तंभ बनाने की कोशिश की गई है। वर्ष 2023 में जनवरी से अक्‍टूबर तक लगभग 37.90 करोड़ से अधिक पर्यटक यूपी आये। इनमें विदेशियों की संख्‍या 13 लाख 43 हजार रही।

अयोध्‍या, वाराणसी, चित्रकूट, विंध्‍याचल, प्रयागराज, मथुरा-वृंदावन, नैमिषारण्‍य, गोरखपुर, मां शाकुम्‍भरी देवी, सारनाथ, बटेश्‍वरधाम, गढ़मुक्‍तेश्‍वर जैसे धर्म से जुड़े स्‍थलों का विकास धार्मिक पर्यटन के उद्देश्‍य को ध्‍यान में रखकर किया जा रहा है। पर्यटन में राज्‍य की अर्थव्‍यस्‍था का मजबूत आधार बनने की पूरी क्षमता है। इसी के मद्देनजर ‘मुख्‍यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना’ की शुरुआत की जा रही है।

बजट में महिलाओं के सामाजिक एवं आर्थिक उत्‍थान पर विशेष रूप से ध्‍यान दिया गया है। विधवा पेंशन के लिये 4037 करोड़ रुपये की व्‍यवस्‍था बजट में की गई है। महिला एवं बाल विकास के लिये कुल 6800 करोड़ रुपये दिये गये हैं। प्रदेश के सभी जिलों में पुष्‍टाहार कार्यक्रम के लिये 5129 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
उल्‍लेखनीय है कि योगी आदित्‍यनाथ ने पुष्‍टाहार आपूर्ति का काम बड़ी कंपनियों से लेकर महिला समितियों के हवाले कर दिया था, जिससे लाखों महिलाओं को रोजगार मिल रहा है।

कन्‍या सुमंगला योजना के लिये सरकार ने 700 करोड़ रुपये का बजट रखा है। निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 31 लाख से अधिक महिलाओं के लिये मासिक पेंशन बढ़ाकर 1000 रुपये की गई है। रोजगार सृजन के लिये सरकार ने अपना खजाना खोला है। 1,54,747 करोड़ रुपये की व्‍यवस्‍था रोजगार सृजन के मद में की गई है।

बजट में खर्च और आमदनी के अंतर को कम किया गया है। बजट में 6,06,802.40 करोड़ रुपये की राजस्व तथा 1,14,531.42 करोड़ रुपये की पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं। राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का अंश 4,88,902.84 करोड़ रुपये है। इसमें राज्‍य सरकार का कर राजस्व 2,70,086 करोड़ रुपये तथा केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 2,18,816.84 करोड़ रुपये शामिल है।

बजट में 5,32,655.33 करोड़ रुपये का राजस्व लेखे तथा 2,03,782.38 करोड़ रुपये का पूंजी लेखे का व्यय है। सरकार ने 74,147.07 करोड़ रुपये के राजस्‍व बचत का अनुमान लगाया है। बीते छह सालों में उत्तर प्रदेश का बजट का आकार दोगुना से ज्‍यादा बड़ा हो चुका है।

अखिलेश सरकार ने जब वर्ष 2016-17 में अपना आखिरी बजट पेश किया थाए तब बजट का आकार 3,46,935 करोड़ रुपये तथा राजको‍षीय घाटा 4.04 प्रतिशत था। अपने आर्थिक सुधारों के जरिये योगी सरकार ने उत्‍तर प्रदेश को देश का दूसरा सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था वाला राज्‍य बना दिया है। राजकोषीय घाटा भी चार फीसदी के अंदर लाया गया है।

तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्‍यों को पीछे छोड़ते हुए उत्‍तर प्रदेश अब महाराष्‍ट्र के बाद जीएसडीपी के मामले में दूसरे स्‍थान पर पहुंच गया है। सेंसेक्‍स और क्रेडिट लियोनिस सिक्‍योरिटीज एशिया की रिपोर्ट के अनुसार देश के जीडीपी में उत्‍तर प्रदेश की हिस्‍सेदारी 9.2 फीसदी हो चुकी है। महाराष्‍ट्र 15.7 फीसदी हिस्‍सेदारी के साथ पहले नंबर पर है।

कुछ वर्ष पूर्व तक महाराष्‍ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, बंगाल और कर्नाटक के बाद उत्तर प्रदेश छठवें पायदान पर था, लेकिन प्रदेश सरकार की नीतियों एवं आर्थिक सुधारों की बदौलत देश की जीडीपी में उत्‍तर प्रदेश ने अपनी हिस्‍सेदारी में उल्‍लेखनीय वृद्धि की है।
रिपोर्ट के अनुसार तमिलनाडु 9.1 फीसदी, गुजरात 8.2 फीसदी, पश्चिम बंगाल 7.5 फीसदी, कर्नाटक 6.2 फीसदी जीएसडीपी हिस्‍सेदारी के साथ यूपी के पीछे छूट चुके हैं।

उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी वर्ष 2023-24 में 24,39,171 लाख करोड़ थी। निवेश के लिये सरकार के प्रयासों से राज्‍य की जीएसडीपी में उल्‍लेखनीय वृद्धि हुई है। बीते छह साल में यूपी का बजट ही नहीं बल्कि जीएसडीपी भी दोगुना हो चुका है।

वर्ष 2016-17 में उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी 12,47,658 लाख करोड़ रुपये थी, जिसके 2024-25 में 26 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का संचालन तथा फिल्‍म सिटी का निर्माण हो जाने के बाद यूपी की आर्थिक प्रगति को और अधिक रफ्तार मिलने की संभावना है। फिल्‍म सिटी का निर्माण भूटानी समूह और बोनी कपूर की कंपनी एक साथ मिलकर करने जा रहे हैं। आर्थिक सुधारों एवं प्रयासों से उत्‍तर प्रदेश बीमारू राज्‍य की श्रेणी से बाहर निकलने में सफल रहा है। बीते छह वर्षों में राज्‍य में प्रति व्‍यक्ति आय भी दोगुनी हुई है।

 

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