बिहार के एक विधायक द्वारा मुसलमानों से होली पर घर से बाहर न निकलने की अपील पर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने पूछा है कि क्या राज्य विधायक के पिता का है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती दी है कि वे विधायक को फटकारें और उनसे माफी मंगवाएं। मधुबनी जिले के बिस्फी से विधायक हरिभूषण ठाकुर बचोल ने अपनी टिप्पणी पर विस्तार से बताते हुए मीडिया से कहा कि टकराव से बचने के लिए मुसलमानों को होली पर घर पर ही रहना चाहिए।

इस बार होली शुक्रवार (14 मार्च) को है और मुसलमान शुक्रवार को सामूहिक नमाज अदा करते हैं। तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने बयान दिया कि होली के मौके पर मुसलमानों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। क्या यह पिता का राज्य है? वह कौन है? वो ऐसा बयान कैसे दे सकते हैं? जब महिलाएं अपने सम्मान के लिए आवाज उठाती हैं तो वो (बिहार के सीएम नीतीश कुमार) उन्हें डांटते हैं। उन्होंने कहा कि क्या बिहार के सीएम नीतीश कुमार में हिम्मत है कि वो बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल को डांट सकें। जेडीयू पर बीजेपी और संघ (आरएसएस) का पूरा प्रभाव है। 

उन्होंने कहा कि ये बिहार है यहां एक मुसलमान को बचाने के लिए पांच से छह हिंदू आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम बिहार में उनके एजेंडे को सफल नहीं होने देंगे। बिहार के सीएम नीतीश कुमार को उनसे (भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल) विधानसभा में माफी मांगने को कहना चाहिए। आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि यह देश सबके खून-पसीने से बना है। कोई ऐसी धमकी कैसे दे सकता है? क्या देश में कोई नया खाका विकसित हो रहा है? ऐसे में तेजस्वी यादव ने कहा कि एक मुसलमान की रक्षा के लिए 5 हिंदू खड़े हैं। 

भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर के बयान पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव अहंकार में हैं क्योंकि उनके लिए यह लोकतंत्र नहीं बल्कि राजतंत्र है। वह संघर्ष करके राजनीति में नहीं आए हैं। वह लालू प्रसाद यादव के बेटे हैं और यह प्रतिष्ठा है। ठाकुर ने कहा था कि मैं मुसलमानों से अपील करना चाहता हूं कि साल में 52 जुमा (शुक्रवार) होते हैं। उनमें से एक जुमे पर होली का पर्व पड़ रहा है। इसलिए, उन्हें हिंदुओं को त्योहार मनाने देना चाहिए और अगर उन पर रंग लग जाए तो उन्हें बुरा नहीं मानना ​​चाहिए। अगर उन्हें इससे कोई दिक्कत हो तो उन्हें घरों में ही रहना चाहिए। सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए यह जरूरी है।’’ 

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