भारत ने बुधवार को ब्रिटेन से देश विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले खालिस्तानी समर्थकों पर लगाम लगाने को कहा। भारत ने साफ लहजे में कहा कि खालिस्तानी ब्रिटेन और यूरोप का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। दिल्ली में आयोजित पांचवें भारत-यूके गृह मामलों के संवाद (एचएडी) के दौरान भारत ने ब्रिटेन को अपनी चिंताओं से अवगत कराया। भारत ने कहा कि देश में आतंकवादी गतिविधियों को सहायता और बढ़ावा देने के लिए खालिस्तानी समर्थक तत्व यूरोपीय देश द्वारा दी गई शरण का दुरुपयोग कर रहे हैं।

अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ब्रिटेन के साथ बेहतर सहयोग और ब्रिटेन स्थित खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों पर निगरानी बढ़ाने और उचित सक्रिय कार्रवाई करने का अनुरोध किया। ब्रिटेन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व होम ऑफिस के स्थायी सचिव मैथ्यू रीक्रॉफ्ट ने किया। बैठक में दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने चल रहे सहयोग की समीक्षा की और आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और ग्लोबल सप्लाई चेन, मादक पदार्थों की तस्करी, प्रवासन, प्रत्यर्पण जैसे मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान दोनों देशों ने अन्य मुद्दों के साथ-साथ खालिस्तान समर्थक उग्रवाद सहित यूके में भारत विरोधी गतिविधियों में सहयोग को आगे बढ़ाने के अवसरों और तालमेल पर भी चर्चा की।

गृह मंत्रालय ने कहा, “भारतीय पक्ष ने विशेष रूप से खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा भारत में आतंकवादी गतिविधियों को सहायता और बढ़ावा देने के लिए यूके द्वारा दी गई शरण के दुरुपयोग पर अपनी चिंताओं से अवगत कराया। इसके अलावा, ब्रिटेन के साथ बेहतर सहयोग और वहां स्थित खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों की निगरानी बढ़ाने और उचित सक्रिय कार्रवाई करने का अनुरोध किया। भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा में सेंध को लेकर भी भारत ने अपनी चिंताओं से ब्रिटेन को अवगत कराया।”

बता दें कि भारत ने ब्रिटेन को ऐसे समय में अपनी चिंताओं से फिर से अवगत कराया है जब दो दिन पहले खबर आई थी कि लंदन में खालिस्तान समर्थक समूहों से जुड़े हालिया हमलों के कारण भारत-ब्रिटेन व्यापार वार्ता ठप हो गई है। ‘द टाइम्स’ अखबार ने ब्रिटिश सरकार के वरिष्ठ सूत्रों का हवाला देते हुए दावा किया कि भारत सरकार ने पिछले साल जनवरी में शुरू हुई व्यापार वार्ता ‘रोक’ दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग से तिरंगा उतारने और दो अधिकारियों को घायल करने के लिए जिम्मेदार खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और सार्वजनिक निंदा के बिना इसमें आगे कोई प्रगति नहीं होगी।

हालांकि भारतीय अधिकारियों ने सोमवार को इन खबरों का खंडन किया है। ब्रिटिश मीडिया की खबरों में कहा गया है कि भारत ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर ब्रिटेन के साथ बातचीत को रोक दिया है। खबरों में कहा गया है कि भारत चाहता है कि पिछले महीने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमले के लिए जिम्मेदार संगठनों के खिलाफ और अधिक कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। भारत सरकार के एक सूत्र ने नयी दिल्ली में कहा कि यह खबर आधारहीन है। सूत्र ने कहा कि आधिकारिक वार्ता का अगला दौर 24 अप्रैल से लंदन में होने की संभावना है।

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