उत्तर प्रदेश विधानसभा का संक्षिप्त शीतकालीन सत्र मंगलवार से यहां शुरू हो रहा है। विधानसभा की इस बार की कार्यवाही कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। एक तरफ जहां 65 साल बाद नई नियमावली के अनुसार सदन चलाया जाएगा वहीं दूसरी ओर सरकार इस सत्र में अनुपूरक बजट पास कर सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं के लिए बजट का इंतजाम करेगी।

जानकारी के अनुसार इस बार के शीतकालीन सत्र में चार बैठकें होंगी और 1 दिसंबर को समाप्त होगा। सत्र की कार्यवाही विधानसभा की कार्यवाही के संचालन के लिए संशोधित कार्य नियमों, 2023 के तहत आयोजित की जाएगी, जिसे अगस्त में मानसून सत्र के दौरान राज्य विधानसभा द्वारा अपनाया गया था। जो सदस्यों को सदन में मोबाइल फोन, पोस्टर और बैनर ले जाने से रोकता है।

इस बार महिला विधायकों के लिए खास सुविधा होगी क्योंकि उन्हें विधानसभा सत्र के दौरान बोलने में प्राथमिकता दी जाएगी। सत्र के पहले दिन मंगलवार को सदन के वर्तमान और पूर्व सदस्यों के निधन पर श्रद्धांजलि के बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी जाएगी।

29 नवंबर की पहली छमाही यानी दूसरे दिन यूपी विधानसभा में अध्यादेश और अधिसूचनाएं पेश की जाएंगी। दोपहर 12:30 बजे के बाद वित्तीय वर्ष 2023-24 का अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। तीसरे दिन वित्तीय वर्ष 2023-24 के अनुपूरक अनुदान पर चर्चा होगी और अनुपूरक बजट पारित किया जायेगा। सत्र का समापन 1 दिसंबर को होगा।

इस बीच, राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र के दौरान सभी की निगाहें सदस्यों को मोबाइल फोन ले जाने से रोकने वाले नियम पर टिकी होंगी। चूंकि विधायकों के एक वर्ग ने सदन में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाने वाले नियम का विरोध किया है, इसलिए यह मुद्दा सोमवार को स्पीकर सतीश महाना द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में चर्चा के लिए आया।

बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कई अन्य राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए। स्पीकर ने कहा कि सदस्य विधानसभा सत्र के दौरान भी अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के संपर्क में रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि सदस्यों के निर्वाचन क्षेत्रों के लोग उनके संबंधित विधायक दल कार्यालयों के फोन पर उनसे संपर्क कर सकते हैं।

 

 

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