उत्‍तर प्रदेश में सत्‍तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) वर्ष 1995 के चर्चित गेस्‍ट हाउस कांड मामले को लेकर दलितों को लुभाने के एक नये मंसूबे पर काम कर रही है। प्रदेश भाजपा अनुसूचित जाति/जनजाति मोर्चा 14 अप्रैल को अम्‍बेडकर जंयती के मौके पर एक प्रदेशव्‍यापी अभियान चलाकर दलितों को बताएगा कि भाजपा नेता ब्रह्मदत्‍त द्विवेदी ने गेस्‍ट हाउस कांड के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) कार्यकर्ताओं से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती की जान कैसे बचायी थी।
भाजपा अनुसूचित जाति/जनजाति मोर्चा के अध्‍यक्ष राम चंद्र कनौजिया ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह दलितों को बतायेंगे कि भाजपा ने किस तरह से गेस्‍ट हाउस कांड के दौरान मायावती को सपा कार्यकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाकर उनकी जान बचायी थी। यह अभियान पांच मई तक चलेगा। इस दौरान उन्होंने मायावती पर भी निशाना साधा और कहा ”वर्ष 1995 में जब गेस्‍ट हाउस कांड हुआ था, तब हमारे नेता ब्रह्मदत्‍त द्विवेदी मौके पर पहुंचे थे और मायावती की जान बचायी थी और आज वह बोल रही हैं कि अगर वह कांड नहीं हुआ होता तो सपा और बसपा का गठबंधन आज भी कायम रहता।”
गौरतलब है कि वर्ष 1995 में गठबंधन सरकार से बसपा के समर्थन वापस ले लेने से उत्‍तर प्रदेश में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के नेतृत्‍व वाली सरकार अल्‍पमत में आ गयी थी। इसी दौरान दो जून 1995 को मायावती अपने विधायकों के साथ लखनऊ के मीराबाई मार्ग स्थित स्‍टेट गेस्‍ट हाउस के एक कमरे में अपने विधायकों से बात कर रही थीं। आरोप है कि तभी सपा कार्यकर्ताओं की भीड़ ने उन पर हमला कर दिया था और इस घटना में मायावती की जान बमुश्किल बच सकी थी।
इस बीच, सपा के राष्‍ट्रीय महासचिव स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा अनुसूचति जाति/जनजाति मोर्चा के प्रस्‍तावित अभियान पर तंज करते हुए कहा, ”भाजपा चाहे जो अभियान चलाये मगर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा ने पिछली सारी बातों को भुलाकर गठबंधन किया था। भाजपा अब ‘गड़े मुर्दे’ उखाड़कर क्‍या हासिल करना चाहती है।” मौर्य ने कहा कि कोई अभियान शुरू करने से पहले भाजपा को इस सवाल का जवाब देना चाहिये कि आखिर उसने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्‍य पिछड़े वर्गों का आरक्षण क्‍यों खत्‍म कर दिया है।

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