पुलिस ने शिवसेना सांसद हेमंत पाटिल द्वारा नांदेड़ के एक सरकारी अस्पताल के कार्यवाहक डीन से एक गंदा शौचालय साफ करवाने के बाद बुधवार को उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की। पाटिल इस अस्पताल में 48 घंटे के दौरान 31 मरीजों की मौत होने के बाद स्थिति का जायजा लेने पहुंचे थे। अस्पताल के कार्यवाहक डीन एस आर वकोडे ने सरकारी सेवक के काम में बाधा डालने और उसका अपमान करने के आरोप में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद यह मामला दर्ज किया गया है। हिंगोली से सांसद पाटिल 30 सितंबर से दो अक्तूबर के बीच 12 शिशुओं समेत 31 मरीजों की मौत को लेकर आक्रोश के बीच मंगलवार को डॉक्टर शंकरराव चह्वाण राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।

घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें पाटिल को वकोडे को एक झाडू थमाते और उनसे गंदा शौचालय साफ करवाते हुए देखा जा सकता है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना से जुड़े पाटिल ने एक समाचार चैनल से कहा, “सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है, लेकिन मुझे यहां के हालात देखकर दुख हुआ। शौचालय महीनों से साफ नहीं किए गए हैं। अस्पताल के वार्ड में बने शौचालयों पर ताला लगा है। शौचालयों में पानी नहीं है।” एक अधिकारी ने बताया कि वकोडे की शिकायत के बाद पाटिल और 10-15 अन्य लोगों के खिलाफ बुधवार सुबह भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 353 (सरकारी सेवक को उसके कर्तव्यों के निवर्हन से रोकने के लिए उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग करना), धारा 500 (मानहानि) और 506 (आपराधिक धमकी) के साथ ही अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

प्राथमिकी में शिकायत के हवाले से कहा गया कि वकोडे मंत्री के दौरे की तैयारियों में व्यस्त थे, तभी पाटिल मंगलवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे डीन के कार्यालय में आए। शिकायत के अनुसार, एक वार्ड की तरफ जाते वक्त पाटिल ने उन्हें अस्पताल का शौचालय दिखाने के लिए कहा। शौचालय के गंदा होने पर पाटिल ने डीन से उसे साफ कराया। शिकायत में दावा किया गया है कि इस घटना का एक वीडियो वायरल हो गया है, जिससे डीन की मानहानि हुई है। शिकायत में वकोडे ने कहा कि बाद में पाटिल ने उनसे अस्पताल के वार्ड नंबर छह का एक शौचालय भी साफ कराया। उन्होंने कहा, ‘‘घटना के बाद मेरा रक्तचाप बढ़ गया।”

 

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