कांग्रेस बुधवार को तब डैमेज कंट्रोल मोड में आ गई, जब पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में सभी सात सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
प्रवक्ता के बयान पर आप ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जबकि कांग्रेस ने एक बार फिर सफाई देते हुए कहा कि आप के साथ गठबंधन पर ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई।
कांग्रेस ने कहा कि गठबंधन के मुद्दे पर टिप्पणी करने वाले लोग पार्टी की ओर से बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं। यह विवाद तब खड़ा हुआ, जब कांग्रेस आलाकमान और दिल्ली इकाई के बीच हुई बैठक के बाद कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने कहा कि नेताओं को सभी सात लोकसभा सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का निर्देश दिया गया है।
अलका के बयान के बाद दिल्ली कांग्रेस के नेता फिर से पार्टी नेतृत्व के साथ दूसरे दौर की बातचीत के लिए गए।
दूसरी बैठक के बाद दिल्ली कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा, ”मुझे लगता है कि आप में लोग अपरिपक्व हैं। अगर वे मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर इतना बड़ा फैसला लेना चाहते हैं तो भगवान भी उन्हें नहीं बचा सकते।”
उन्होंने कहा कि बयान देने वाली शख्स ने मुझे साफ कहा है कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई (आप के साथ गठबंधन पर या सभी सात लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी करने के आदेश पर)।
बाबरिया ने कहा, “अगर किसी ने मीडिया में बयान दिया है, जैसा कि उन्होंने मुझे स्पष्ट किया है कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है और मीडिया को भी यह समझना चाहिए कि वे लोग इतने बड़े मुद्दे पर टिप्पणी करने में सक्षम नहीं हैं।”
दिल्ली प्रभारी की यह टिप्पणी अलका लांबा द्वारा लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने के सबसे पुरानी पार्टी के फैसले की घोषणा के बाद आई है।
आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि कांग्रेस ने अलका के बयान को ‘अपरिपक्व’ बताया है।
आप सूत्रों ने कहा कि अगर कांग्रेस ने दिल्ली की सभी सात सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का फैसला किया तो पार्टी विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक में शामिल नहीं होगी।
हालांकि, उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला पार्टी नेता लेंगे।
पार्टी सूत्रों ने कहा, “हमने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के बयान का अवलोकन किया है। यदि कांग्रेस ने वास्तव में दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है, तो विपक्षी गठबंधन की बैठक में भाग लेने की कोई जरूरत ही नहीं होगी। फिर भी, अंतिम निर्णय पार्टी नेताओं द्वारा लिया जाएगा।”
कांग्रेस मुख्यालय में बैठक 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी तैयारियों पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी।