मुख्यमंत्री ने हाल ही में भदोही में आयोजित हुए इंटरनेशनल कारपेट एक्सपो का जिक्र करते हुए कहा कि पहले वहां के उद्यमियों को देखकर लगा कि कैसे उनकी उपेक्षा होती थी। भारत प्रतिवर्ष 17 हजार करोड़ का कारपेट एक्सपोर्ट करता है। जिसमें अकेले भदोही, मिर्जापुर और वाराणसी से 10 हजार करोड़ रुपए का कारपेट का एक्सपोर्ट होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु उद्योग अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। कम खर्च में पर्यावरण के सभी मानकों को पूरा करते हुए कम स्थान में ज्यादा रोजगार का सृजन और ज्यादा परिवारों को आर्थिक स्वावलंबन की ओर अग्रसर करना, यह सब लघु उद्योग के माध्यम से ही संभव हो सकता है।
उन्होंने कहा कि यूपी तो प्राचीन काल से ही लघु उद्योगों की आधारभूमि रही है। अलग-अलग प्रकार के उद्योग, अलग-अलग क्षेत्रों में रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसे लघु उद्योगों को पुनर्जीवित करने के लिए मोदी जी के प्रेरणा से हमारी सरकार ने 2018 में एक जिला, एक उत्पाद की योजना की शुरुआत की थी।