अरब सागर में लाइबेरिया ध्वज वाले थोक व्यापारी जहाज के अपहरण का प्रयास किया गया है। इस पर अरब सागर में तैनात भारतीय नौसेना ने तुरंत कार्रवाई की है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय नौसेना लाइबेरिया के जहाज की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रही है।
नौसेना का जहाज, सहायता प्रदान करने के लिए लाइबेरियाई जहाज के नजदीक बढ़ रहा है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक लाइबेरिया ध्वज वाले थोक व्यापारी जहाज ने यूकेएमटीओ पोर्टल पर एक संदेश भेजा था। इसमें 4 जनवरी की शाम को लगभग पांच से छह अज्ञात सशस्त्र कर्मियों के सवार होने का संकेत दिया गया था। इस स्थिति पर कार्रवाई करते हुए भारतीय नौसेना ने एक समुद्री गश्ती विमान (एमपीए) लॉन्च किया है। समुद्री सुरक्षा संचालन के लिए तैनात आईएनएस चेन्नई को जहाज की सहायता करने का निर्देश दिया है।
विमान ने 5 जनवरी, 2024 की सुबह जहाज के ऊपर से उड़ान भरी और चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए जहाज के साथ संपर्क स्थापित किया। क्षेत्र में अन्य एजेंसियों के समन्वय से समग्र स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। अरब सागर में हाल के हमलों को ध्यान में रखते हुए, भारतीय नौसेना ने यहां गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता (गाइडेड मिसाइल विध्वंसक) तैनात किए हैं।
गौरतलब है कि ऐसी वारदातों के मध्य भारतीय नौसेना ने उत्तर, मध्य अरब सागर और अदन की खाड़ी में निगरानी बढ़ा दी है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय समुद्री डकैती की घटना और भारतीय ईईजेड के करीब एक जहाज पर हाल ही में ड्रोन हमले के मद्देनजर लिया गया है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान लाल सागर, अदन की खाड़ी और मध्य-उत्तरी अरब सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों के साथ होने वाली समुद्री सुरक्षा से जुड़ी घटनाओं में वृद्धि देखी गई है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक बीते दिनों भारतीय तट से लगभग 700 समुद्री मील दूर एमवी रुएन पर समुद्री डकैती की घटना हुई। वहीं, पोरबंदर से लगभग 220 समुद्री मील दक्षिण पश्चिम में एमवी केम प्लूटो पर हाल ही में ड्रोन हमला हुआ। यह भारतीय ईईजेड के निकट होने वाली समुद्री घटनाओं में बदलाव का संकेत देते हैं। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक समुद्री सुरक्षा अभियान संचालित करने और व्यापारिक जहाजों को सहायता प्रदान करने हेतु विध्वंसक और युद्धपोत को तैनात किया गया है।
संपूर्ण समुद्री क्षेत्र से संबंधित स्थिति से अवगत रहने हेतु लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमानों और आरपीए द्वारा हवाई निगरानी को बढ़ाया गया है। ईईजेड की प्रभावी निगरानी के लिए, भारतीय नौसेना तटरक्षक बल के साथ घनिष्ठ समन्वय करते हुए कार्य कर रही है।26 दिसंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अरब सागर में मर्चेंट वेसल (एमवी) केम प्लूटो पर हाल ही में हुए संदिग्ध ड्रोन हमले और लाल सागर में ‘एमवी साईं बाबा’ पर हमले का जिक्र किया था।