गुरुवार दोपहर रामसेवकपुरम में भीषण आग लग गई। आग लगने से भगदड़ मच गई। इस दौरान आधा दर्जन से ज्यादा कॉटेज पूरी तरह जल गए। आसपास के लोगों ने आग बुझाने की कोशिश की। लेकिन कॉटेज होने के चलते आग तेज हो गई। तुरंत दमकल को सूचना दी गई। करीब एक घंटे की मशक्कत के आग पर काबू पाया जा सका।रामसेवकपुरम में ही भगवान राम की 3 मूर्तियां बनाई गई थी। इनमें से एक की राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। जबकि दो मूर्तियां अभी यहीं रखी हैं। दोनों मूर्तियां सुरक्षित हैं। राम मंदिर से रामसेवकपुरम की दूरी करीब 2 किमी है। यहां इस वक्त बहुमंजिला इमारत का निर्माण किया जा रहा है। करीब 60-70 लोग कॉटेज में रहते हैं।दमकल अफसरों के मुताबिक, आग करीब 2.30 बजे लगी। शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट वजह बताई जा रही है। आग से रामसेवकपुरम में लाखों का नुकसान हुआ है।
विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया- आग कैसे लगी अभी ये पता नहीं चल सका है। धुआं उठते ही फायर ब्रिगेड को जानकारी दी गई। लेकिन फायर प्रशासन ने घटना को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने फायर ब्रिगेड की छोटी गाड़ी भेज दी। बड़े वाहन के न पहुंचने पर विहिप और रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने मोर्चा संभाला। बाद में बड़ी गाड़ी के पहुंचने पर आग पर काबू पाया जा सका।

इंस्पेक्टर मनोज शर्मा ने बताया कि आग से प्लास्टिक और कपड़े से बने 6 से ज्यादा कॉटेज जल गए हैं। नेपाल से लाई गई शालिग्राम शिला के अलावा मूर्ति बनाने के लिए कई शिलाएं यहीं रखी हुई हैं।
रामलला की तीन मूर्तियां का निर्माण रामसेवकपुरम में किया गया था। पहली प्रतिमा राम मंदिर में स्थापित की गई है। इस मूर्ती का निर्माण योगी राज ने किया है। जबकि दूसरी मूर्ति श्यामल रंग से बनी है। तीसरी मूर्ति मकराना संगमरमर की है। तीनों की लंबाई 51-51 इंच की है। दूसरी प्रतिमा दक्षिण के ही मूर्तिकार गणेश भट्‌ट ने बनाई। तीसरी मूर्ति राजस्थान के मूर्तिकार सत्यनारायण पांडेय ने बनाई है।

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