दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के एक छेड़छाड़ किए गए वीडियो को लेकर एफआईआर दर्ज की है। अमित शाह के तेलंगाना रैली के इस वीडियो में मुसलमानों के लिए आरक्षण कोटा खत्म करने की प्रतिबद्धता का संकेत देने वाले उनके बयानों को बदल दिया गया, ताकि ऐसा लगे कि वह सभी आरक्षणों को ख़त्म करने की वकालत कर रहे थे। पुलिस को इस मामले में दो शिकायतें मिलीं, एक भाजपा से और दूसरी गृह मंत्रालय से। इसके बाद दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल साइबर विंग की आईएफएसओ यूनिट ने एफआईआर दर्ज किया। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153, 153ए, 465, 469, 171जी और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66सी के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच शुरू कर दी गई है।
एफआईआर में कहा गया है, “ऐसा प्रतीत होता है कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है। इसके जरिए समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने के इरादे से भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है, जिससे सार्वजनिक शांति और सार्वजनिक व्यवस्था के मुद्दों पर असर पड़ने की संभावना है।” मंत्रालय ने अनुरोध किया है कि कृपया कानून के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक कानूनी कार्रवाई करें।
बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने अब पुलिस को शिकायत देकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और कई अन्य नेताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई की मांग की है। विधायक का दावा है कि जिसने भी यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया है वह कांग्रेस के लिए काम करता है। बीजेपी विधायक ने बताया कि उन्होंने लोनी थाने में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत दी है।
विधायक ने प्रशासन से इस मामले में ठोस कार्रवाई की मांग की है। गौरतलब है की गृह मंत्री अमित शाह के एक कथित वीडियो को एडिट कर वायरल किया गया है। सोशल मीडिया के एक ग्रुप पर 16 सेकंड का वीडियो डाला गया है जिसे फर्जी बताया गया है। वीडियो में दिखाया गया है कि अमित शाह ने एक चुनावी भाषण में कहा था कि अगर सरकार दोबारा बनती है तो आऱक्षण खत्म कर दिया जाएगा। एसीपी लोनी सूर्यबली मोर्य ने बताया कि मामले में शिकायत मिल गई है और शिकायत के आधार पर जांच की जा रही है।