केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर मुद्दे पर तकरीबन 2 घंटे का भाषण दिया, लेकिन बावजूद इसके विपक्ष अमित शाह के भाषण से संतुष्ट नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस ने अभी भी इस बात की मांग कर रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मसले पर सदन के भीतर बयान देना चाहिए।

लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम पहले दिन से इसपर चर्चा की मांग कर रहे हैं। हम मां करते आए हैं कि पीएम मोदी सदन में आएं और इसपर चर्चा हो। हमने कभी नहीं कहा कि हमे अमित शाह की क्षमता पर संदेह है। लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि आखिर कैसे एक पुलिसवाला उस सवाल का जवाब दे सकता है जिसे डीएम को देना है।

अमित शाह ने अपने भाषण के दौरान विपक्ष पर जमकर हमला बोला, उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विपक्ष पर निशाना साधा और उन्होंने कहा कि मणिपुर दौरे के दौरान राहुल गांधी ने वहां ड्रामा किया। इसके साथ ही अमित शाह ने प्रदेश की सरकार को बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन की मांग को भी खारिज कर दिया।

अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रपति शासन तब लगाया जाता है कि जब प्रदेश सरकार सहयोग नहीं कर रही होती है। लेकिन मणिपुर की सरकार लगातार सहयोग कर रही है, मुख्यमंत्री भी सहयोग कर रहे हैं।

बता दें कि कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा था कि 60 हजार लोग शेल्टर कैंप में रह रहे हैं और केंद्र कह रहा है कि मुख्यमंत्री सहयोग कर रहे हैं। इस तरह का सहयोग नहीं चाहिए। प्रधानमंत्री को नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री को हटा देना चाहिए।

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