अमरनाथ यात्रा तीर्थयात्रियों का पहला जत्था आज बेस कैंप से पहलगाम और बालटाल के लिए रवाना हुआ। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू बेस कैंप यात्री निवास से अमरनाथ यात्रा तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई। वहीं, अमरनाथ यात्रा से पहले उधमपुर के टिकरी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। 62 दिनों की अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई को शुरू होती है, जो 31 अगस्त को समाप्त होती है।

अमरनाथ तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे का उधमपुर ज़िले के टिकरी में काली माता मंदिर में जिला प्रशासन ने स्वागत किया। उधमपुर में CRPF 137 बटालियन के कमांडेंट रमेश कुमार ने बताया कि यात्रा अभी काली माता मंदिर पहुंची है। यात्रा सुरक्षति चल रही है। सभी यात्री और लोग उत्साहित हैं। स्थानीय लोगों ने भी अमरनाथ तीर्थयात्रियों का स्वागत किया है।

#WATCH | J&K: The first batch of Amarnath pilgrims was received by the district administration at Kali Mata Temple at Tikri in Udhampur district. pic.twitter.com/6cDx9SbzZl

— ANI (@ANI) June 30, 2023

अमरनाथ तीर्थयात्रियों का पहला जत्था गुरुवार को जम्मू के यात्री निवास बेस कैंप पहुंचा था। अमरनाथ यात्रा हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है जो अमरनाथ गुफा की यात्रा करते हैं, जिसे भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। इस बार अमरनाथ तीर्थयात्रा में तंबाकू को पूरी तरह से बैन कर दिया गया है।

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर स्वास्थ्य विभाग की ओर से 28 जून को जारी आदेश के मुताबिक, नेशनल टोबैको कंट्रोल प्रोग्राम के तहत या‌त्रा को तंबाकू मुक्त बनाने कहा गया है। या‌‌त्र‌ा में पड़ने वाले सभी पड़ावों पर तंबाकू प्रोडक्ट्स की बिक्री बैन रहेगी।

तीर्थायत्रियों के लिए अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने कुछ नियम बनाए हैं। इसके मुताबिक, हाई रिस्क वाले करीब ढाई किमी के रास्ते में श्रद्धालुओं को हेलमेट पहनना जरूरी होगा। इसके अलावा खच्चर से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए भी हेलमेट जरूरी होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्राइन बोर्ड की ओर से श्रद्धालुओं को मुफ्त में हेलमेट मुहैया कराई जाएगी।

यात्रा के लिए 28 जून तक करीब 3 लाख से ज्यादा लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। बता दें कि पिछले साल के मुकाबले ये आंकड़ा करीब 10 प्रतिशत अधिक है। बता दें कि DRDO और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बालटाल और चंदनवाड़ी में 100-100 बेड के अत्याधुनिक दो अस्पताल बनाए गए हैं।

श्राइन बोर्ड ने 1700 डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मचारियों की तैनाती भी की है। साफ-सफाई के लिए 4 हजार कर्मचारियों की तैनाती की गई है। यात्रा के लिए बनाए गए दोनों मार्गों पर 5100 टॉयलेट्स बनाए गए हैं। उधर, यात्रियों की सुरक्षा के लिए सांबा में इंटरनेशनल बॉर्डर से एक किलोमीटर के दायरे में धारा 144 लागू कर दी गई है। साथ ही रामबन में ड्रोन के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है।

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