केवल परीक्षा पास करने के लिए नहीं बल्कि जीवन में सफल होने के लिए पढ़ाई करें और चुनौतीपूर्ण समय में अपनी ताकत को पहचानें। अभिनेता विक्रांत मैसी और भूमि पेडनेकर ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के दौरान छात्रों को यह संदेश दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वार्षिक कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ के विशेष सत्र में शामिल होकर दोनों अभिनेताओं ने अपनी स्कूल की यादें साझा कीं और परीक्षा के तनाव, माता-पिता की अपेक्षाओं और आत्मनिर्भरता के महत्व पर चर्चा की।

विक्रांत मैसी ने कहा, ‘हम सभी अवचेतन मन से कल्पना करना जानते हैं। आप दिन में 10 मिनट निकालकर अपनी भावनाओं और लक्ष्यों को एक डायरी में लिख सकते हैं।’

भूमि पेडनेकर ने अपने बचपन का एक कठिन दौर साझा करते हुए कहा कि उन्होंने छोटी उम्र में ही अपनी ताकत को पहचानना सीख लिया था। उन्होंने कहा, ‘चुनौतीपूर्ण समय में अपनी क्षमताओं को पहचानें और सीखने के नए तरीके खोजें, जैसे जब भी मुझे कोई सीन दिया जाता है, तो मैं उसे अलग-अलग तरीकों से करने की कोशिश करती हूं।’ भूमि ने यह भी बताया कि उन्हें सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भाग लेना बहुत पसंद था।

भूमि ने कहा, ‘मैं बहुत अनुशासित छात्रा थी और आज भी हूं। मैं शरारती भी थी, लेकिन शिक्षकों के साथ मेरा रिश्ता बहुत अच्छा था। मैंने बहुत जल्दी यह समझ लिया था कि मुझे अभिनेत्री बनना है। मैं अपने माता-पिता को खुश और गौरवान्वित देखना चाहती थी इसलिए पढ़ाई में कड़ी मेहनत करती थी।’

विक्रांत मैसी ने कहा कि माता-पिता की उम्मीदें जब बोझ बन जाती हैं तो बच्चे सही तरह से विकसित नहीं हो पाते। भूमि पेडनेकर ने अच्छी नींद लेने की अहमियत पर जोर दिया। भूमि ने कहा, ‘परीक्षा के दौरान मैं दिन में एक घंटे का ब्रेक लेती थी। मैं बाहर जाकर खेलती थी, मुझे नृत्य करना और बैडमिंटन खेलना बहुत पसंद था। मेरे लिए दिमाग को आराम देना बहुत जरूरी था। जब मैं छोटी थी, तब मुझे सोना बिल्कुल पसंद नहीं था। लेकिन अब शूटिंग के दौरान मैं 15 मिनट में लंच खत्म कर लेती हूं और आधे घंटे की नींद लेती हूं। यह मुझे पूरे दिन मन लगाकर काम करने में मदद करता है।’

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights