दिल्ली की एक कोर्ट ने गुरुवार को लोधी कॉलोनी पुलिस थाने में तैनात एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर को घूस के मामले दोषी ठहराया। विशेष न्यायाधीश नमृता अग्रवाल ने एसआई गोपाल सिंह को दोषी ठहराते हुए कहा कि लोक सेवक होने के नाते और इतनी शक्ति होने के कारण पुलिस ऑफिसरों से अपेक्षा की जाती है कि वे आवश्यकता पड़ने पर जनता के लिए मौजूद रहे और उननकी मदद करें। अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी ने अनीता नाम की शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपए की घूस मांगी। अनीता और उसके पति के नाम को एक टकराव के संबंध में पंजीकृत एक कम्पलेन से हटाने के बदले में मांग की गई थी, जिसकी जांच आरोपी कर रहा था
फिल्म ‘मार्वल’ कॉमिक्स के डॉयलग का हवाला देते हुए जज ने कहा कि ‘विथ ग्रेट पावर कम्स ग्रेट रिस्पॉन्सिबिलिटी’ (with great power comes great responsibility) का जिक्र किया। इसका मतलब है- सत्ता का सिर्फ उसके विशेषाधिकारों के लिए आनंद नहीं लिया जा सकता है, लेकिन जरूरी रूप से इसके धारकों को नैतिक रूप से उत्तरदायी बनाता है कि वे इसके साथ क्या करना चुनते हैं और वे इसके साथ क्या करने में विफल रहते हैं।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पुलिस बल की समाज के भीतर व्यापक उपस्थिति है, जो गवर्नमेंट के एक दृश्य अगुवाई के रूप में कार्य करता है। लोक सेवकों को जरूरी शक्तियां सौंपे जाने के कारण पुलिस ऑफिसरों से अपेक्षा की जाती है कि वे जरूरत के समय जनता के लिए सरलता से मौजूद होकर एक सामाजिक बेंचमार्क स्थापित करें। उन्होंने कहा कि वे हिंदुस्तान के संविधान में निहित जीवन के अधिकार, स्वतंत्रता, सुरक्षा आदि के संरक्षण में एक जरूरी किरदार निभाते हैं. इस प्रकार, पुलिस ज़िम्मेदारी की जरूरत उन महान शक्तियों द्वारा साफ की जाती है जो पुलिस बलों का संचालन करती हैं। फैसला सुनाते हुए जज ने एसआई गोपाल सिंह को दोषी ठहराया। यह मामला 2 जनवरी, 2019 का है जब रिश्वत के तौर पर एसआई ने दो लाख रुपए की मांग की।