अतीक-अशरफ की हत्या के बाद से हर रोज खुलासे हो रहे हैं। अब इसी बीच नई जानकारियां मिली हैं कि CBI का एक अफसर जिसकी दोस्ती माफिया अतीक अहमद से दोस्ती थी। इस वजह से अब वो अफसर मुश्किलों से घिरे नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है इस अफसर ने उमेश पाल अपहरण केस में अतीक की मदद की थी।
इस वजह से योगी सरकार के अभियोजन विभाग ने CBI अफसर के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्रालय से शिकायत की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ ही भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग से भी शिकायत की गई है। यूपी पत्रिका के पास CBI के डिप्टी SP अमित कुमार के खिलाफ की गई शिकायत की कॉपी मौजूद है।
इस कॉपी में बताया गया है कि CBI अफसर का उमेश पाल अपहरण केस से किसी तरह का वास्ता नहीं है, लेकिन अतीक अहमद के बचाव में गवाही देने को आधार बनाकर शिकायत की गई है। BSP विधायक राजू पाल मर्डर केस में उमेश पाल को गवाह नहीं मानने और उमेश पाल के बयान का जिक्र केस डायरी में नहीं करने को लेकर भी शिकायत की गई है।
साथ ही CBI अफसर के खिलाफ उचित कार्रवाई किए जाने की भी सिफारिश की गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले में जांच के आदेश भी दे दिए हैं। बताया जा रहा है कि जांच शुरू हो गई है और जांच के लिए CBI की एक स्पेशल टीम प्रयागराज पहुंच गई है। CBI की टीम उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद के बचाव में अफसर की गवाही से जुड़े दस्तावेजों की सर्टिफाइड कॉपी भी निकाल रही है।
BSP विधायक राजू पाल मर्डर केस में उमेश पाल को गवाह नहीं मानने और उनके बयान का जिक्र केस डायरी में नहीं करने की वजह से भी CBI के डिप्टी एसपी अमित कुमार की भूमिका सवालों के घेरे में हैं। चर्चा इस बात की है कि CBI अफसर अमित कुमार अतीक अहमद और उसके गिरोह से मैनेज हो गए थे।
इसी वजह से उन्होंने बीएसपी विधायक राजू पाल से लेकर गवाह उमेश पाल के अपहरण तक के केस को कमजोर किया और माफिया अतीक अहमद को हर कदम पर बचाने की कोशिश की। अब प्रयागराज पहुंची CBI की टीम इसी कहानी को सुलझाने पहुंची है।