प्रयागराज: माफिया-राजनेता पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को 2005 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के तत्कालीन विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के गवाह उमेश पाल के अपहरण के मामले में माफिया अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट के फैसले को सुनते ही फूट फूटकर माफिया का भाई कोर्ट में रोने लगा।
वहीं माफिया के वकील ने बताया कि हम फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे। हालांकि राजू पाल की मां कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। मृतक की पत्नी ने बताया कि हम अपने पति की लड़ाई को लड़ेगे। आरोपी को फांसी के फंदे को पहुंचा कर ही दम लेंगे। पत्नी ने कहा कि हमारी उत्तर प्रदेश सरकार से मांग है कि आरोपियों को फांसी की सजा हो। उन्होंने कहा कि आरोपी जेल में रह अपने गुर्गो के माध्यम से फिरौती, धमकी मर्डर जैसी घटनाओं को अंजाम देते रहेगे। ऐसे लोगों को फांसी की ही सजा होना चाहिए जिससे किसी भी अपराध को करने से पहले 10 बार सोचे।
बता दें कि 2005 में राजू पाल की हत्या के प्रमुख गवाह उमेश पाल की पिछले महीने बदमाशों ने गोली माकर हत्या कर दी थी। उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। आरोप था कि अहमद और अशरफ ने साजिश के तहत राजू पाल की हत्या कराई थी। पाल की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी, 2005 को हुई हत्या के बाद तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल ने पुलिस को बताया था कि वह हत्या का चश्मदीद था। माफिया के गुर्गे बयान बदलने का दबाव बना रहे थे।
उन्होंने कि उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था। अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले में अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र है। काफी लम्बी लड़ाई के बाद 10 आरोपियों में से 3 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने प्रत्येक आरोपी पर 1- 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि को मृतक की पत्नी को सहायता के रूप में देने का आदेश दिया है।