एसआईटी की सख्त पूछताछ में शूटरों ने एक होटल का वह कमरा दिखाया। जहां वे हत्या से पहले रुके थे। यहीं पर एसआईटी को दो मोबाइल फोन बरामद हुए। शूटरों ने एसआईटी को बताया कि अतीक-अशरफ की हत्या के बाद यही फोन इस्तेमाल करने थे। हालांकि इससे पहले घटना वाले दिन तीनों शूटरों ने पुलिस को बताया था कि वह तीनों रेलवे स्टेशन के बाहर आपस में मिले थे। जबकि वह हत्या के तीन दिन पहले से प्रयागराज में थे।
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या करने वाले शूटरों ने एक होटल के कमरे में मोबाइल छिपा कर रखा था। एसआईटी ने होटल के कमरे से दो मोबाइल बरामद कर लिए हैं, लेकिन दोनों मोबाइल फोन में सिम नहीं मिला। इसके साथ ही एसआइटी को पुराने मोबाइल नंबर भी हाथ लगे हैं, जिसकी सीडीआर यानी काल डिटेल रिपोर्ट निकलवाई जा रही है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि शूटर लवलेश तिवारी, सुमित उर्फ सनी सिंह और अरुण मौर्या हत्या के बाद मौके पर ही दबोच लिया था। पुलिस ने उस वक्त पूछताछ की थी। तब तीनों ने बताया था कि वह प्रयागराज पहुंचकर रेलवे स्टेशन के बाहर मिले थे। एक लाज में कमरा लेने के लिए गए लेकिन वहां नहीं मिला।
इस पर उन्होंने रेलवे स्टेशन व बस अड्डे पर रात गुजारी थी। मोबाइल के बारे में भी कुछ नहीं बताया था। अब सख्ती से पूछताछ में सनी ने बताया वह रेलवे स्टेशन और खुल्दाबाद थाने के बीच में स्थित एक होटल के कमरे में ठहरे थे।
तीनों ने प्लान के मुताबिक अपना-अपना सिम मोबाइल से निकालकर फेंक दिया था। यह भी तय किया गया था कि अतीक व अशरफ की हत्या के बाद वह होटल के कमरे से मोबाइल सहित अन्य सामान लेकर निकल जाएंगे। इसके बाद नया सिम खरीदकर उपयोग करेंगे, ताकि पुलिस की गिरफ्त से दूर रहते। उन्होंने एक शख्स से बाइक के लिए मदद मांगी थी, लेकिन नहीं मिली थी, जिसके बाद ई-रिक्शा से माफिया और उसके भाई की रेकी करने जाते थे।
सूत्रों का कहना है कि अभियुक्तों से पूछताछ में उनके मोबाइल नंबर मिले हैं, जिसके जरिए वह आपस में संपर्क करते थे। अब पुलिस टीम उन मोबाइल नंबर की काल डिटेल रिपोर्ट के आधार पर शूटरों के साथियों, सहयोगियों सहित अन्य लोगों के बारे में पता लगाकर शिकंजा कसेगी।

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