कांग्रेस ने अडाणी समूह से जुड़े विवाद से नाम जुड़ने के बाद मॉरिस चांग नामक व्यक्ति के खुद को ताइवान का नागरिक बताए जाने की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को कहा कि सिर्फ यह मायने रखता है कि पूरे मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच हो क्योंकि सच सामने लाने का यही एकमात्र रास्ता है। अडाणी समूह के चीन के साथ कथित संबंधों के केंद्र में रहे मॉरिस चांग ने कहा है कि वह ताइवान के नागरिक हैं।

उनकी नागरिकता को लेकर बीते दिनों विवाद देखने को मिला था। चांग पीएमसी प्रोजेक्ट्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं। यह कंपनी अडाणी समूह के लिए बंदरगाह, टर्मिनल, रेल लाइन, बिजली पारेषण लाइन और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण करती है। उनके पासपोर्ट के कारण उन्हें चीनी नागरिक कहा जा रहा था और इस तरह अडाणी समूह को चीन से जोड़ा गया।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी ने उनसे उनके पसंदीदा कारोबारी समूह के चीनी नागरिक चांग चुंग-लिंग (उर्फ लिंगो-चांग) के साथ संबंधों को लेकर सवाल पूछा था। चांग के बेटे चांग चिएन-टिंग (उर्फ मॉरिस चांग) ने कहा है कि वह ताइवान का पासपोर्ट धारक है। हालांकि, पीएमसी ने अडाणी समूह के लिए किन प्रोजेक्ट्स पर काम किया है उससे जुड़े सवालों के जवाब देने से इंकार कर दिया है।”

उन्होंने कहा, ‘‘यह देखते हुए कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अडाणी सवालों के जवाब देने में बिल्कुल भी इच्छुक नहीं हैं, अडाणी महाघोटाले के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं की जांच के लिए जेपीसी ही एकमात्र रास्ता है।” अमेरिकी संस्था ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की कुछ सप्ताह पहले आई रिपोर्ट में अडाणी समूह पर अनियमितता के आरोप लगाए गए थे और इसके बाद से कांग्रेस इस कारोबारी समूह पर लगातार हमले कर रही है। अडाणी समूह ने सभी आरोपों को निराधार बताया था।

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